SENSEX
Sensex एक तरह का सूचकांक है , जो की BSE पर listed 30 कंपनियों के समूह को दर्शाता है | ये 30 कम्पनियाँ अपने-अपने sector की दिग्गज कंपनियां होती है | अक्सर बाजार में आयी गिरावट या बढ़ोतरी को Sensex के जरिये देखा जा सकता हैं |
NIFTY
NIFTY “NSE” का सूचकांक है , जो NSE पर listed शीर्ष 50 कंपनियों के समूह को दर्शाता है | Nifty दो शब्दों से मिलकर बना हैं National + fiffty .
IPO
IPO एक तरह का सार्वजनिक प्रस्ताव है , जिसके जरिये कंपनी अपनी हिस्सेदारी लोगों को बेचकर उनसे पैसा जुटाती हैं | इसके बदले कम्पनियाँ लोगों को अपने शेयर्स allote करती है | आमतौर पर यह IPO तभी लाया जाता है , जब किसी कंपनी को अपने व्यापर का विस्तार करना होता है |
DEMAT ACCOUNT
Demat Acoount एक तरह का Dematerialised account हैं , जो तरह-तरह की Securities जैसे Shares , Bonds , Debentures , ETF, G-sec इत्यादि को store करने काम करता हैं | यह trading acoount से अलग होता हैं |
TRADING ACCOUNT
Trading account का इस्तेमाल शेयर्स या अन्य तरह की Securities की trading के लिए किया जाता हैं | शेयरों की खरीद-फरोख्त trading account के माध्यम से ही की जाती हैं |
SHARES
यह कंपनी की कुल हिस्सेदारी का अंश भर होतें हैं | आपके पास किसी कंपनी के जितने ज्यादा शेयर्स होंगे , आपकी हिस्सेदारी उस कंपनी में उतनी ही ज्यादा होगी |
BSE और NSE
BSE और NSE भारत के दो सबसे बड़े Stock exchanges हैं , जो की एक तरह का platform provide करातें हैं शेयर्स की खरीद-फरोख्त के लिए | यह Buyers को Seller से मिलाने का काम करतें हैं , जिससे शेयर्स की तय कीमत पर शेयरों का लेन-देन हो सकें |
BROKER
एक Stock broker यानि एक “दलाल” | यह बाजार का Intermediaries होता है , जिसके जरिये stock exchanges पर शेयरों की खरीद- फरोख्त की जा सकती है |
BULL MARKET
Bull market एक ऐसा दौर होता है , जहाँ शेयरों की कीमतों में लगातार वृद्धि देखने को मिलती है | हालाँकि इसके पीछे कारण market के अच्छे sentiment को माना जाता हैं |
BEAR MARKET
जहाँ Bull market में share price में बढ़ती नज़र आती है , वहीँ ठीक इसके विपरीत Bear market में बाजार गिरने का trend लगातार बना रहता हैं , जो की कुछ महीनो से लेकर कुछ सालों तक का हो सकता हैं |
BID
Bid यानि “बोली” , किसी buyer के द्वारा लगायी जाने वाली शेयर की ज्यादा से ज्यादा कीमत |
MARKET CAPITALIZATION
आमतौर पर Market capitalization बाजार में किसी कंपनी की कुल कीमत को दर्शाता हैं , जो कंपनी के कुल शेयरों और शेयरों की कीमत के हिसाब से तय होती हैं | किसी कम्पनी का market capitalization निकालने के लिए ” total no. of outstanding shares “ को कंपनी की share price से multiply किया जाता हैं |
LARGE CAP. COMPANY
Large cap. कम्पनियाँ वो होती है , जिनका market capitalization 20,000 करोड़ या इससे अधिक होता हैं | इन्हे आमतौर पर Blue chip कंपनी भी कहा जाता हैं जैसे Reliance industries , TCS इत्यादि |
MID CAP. COMPANY
Mid cap. कम्पनियाँ वो होती है , जिनका market capitalization 5,000 से 20,000 करोड़ के बीच में रहता हैं , जैसे Castrol India , Ashok leyland इत्यादि |
SMALL CAP. COMPANY
Small cap. कम्पनियाँ वो होती है , जिनका market capitalization 5,000 करोड़ या इससे निचे का होता हैं , जैसे Affle India , Arti drug इत्यादि |
BLUE CHIP COMPANY
Blue chip कम्पनियाँ वो होती है , जो अपनी Industry में market leader होती है | इनमे volatility कम ही देखी जाती है , जिस वजह से यह काफी stable बनी रहती है | यह आमतौर पर एक stable return देने के लिए जानी जाती हैं | इन कंपनियों के stocks को Blue chip stocks कहा जाता हैं |
MARKET ORDER
जब किसी शेयर को market price पर खरीदा या बेचा जाता है , तो उसे market order कहा जाता है |
PORTFOLIO
एक portfolio आपकी सभी तरह की investment का एक ब्यौरा होता है , इसमें शेयर के आलावा किसी भी किसी भी तरह की investment को शामिल किया जा सकता है |
DIVIDEND
आमतौर पर जब कोई कंपनी मुनाफा कमाती है , तो वो अपने मुनाफे का कुछ हिस्सा अपने शेयरहोल्डर्स के साथ साझा करती है , जिसे dividend कहा जाता है |
52 WEEK HIGH AND LOW
पिछले 52 सप्ताह में कोई शेयर कितना ऊपर या निचे गया है , इसे 52 week high या low कहा जाता है |
PRIMARY MARKET
यह वो जगह होती है , जहाँ पर शेयर्स किसी seller से न खरीद कर सीधे तौर पर कंपनी से खरीदें जाते है , ऐसा आमतौर पर तभी होता है जब कोई कंपनी अपना IPO लाती है |
ANNUAL REPORT
एक Annual report एक तरह की financial report होती है , जो किसी कंपनी द्वारा वर्ष के अंत में बनाई जाती है | इसमें कंपनी के financial statement से लेकर कंपनी के management से जुडी सभी जानकारी शामिल की जाती है |
CLOSING PRICE
यह वो final price होता है , जब कोई शेयर trading day के अंत में जिस price पर trade कर रहा होता है |
LIQUIDITY
किसी भी शेयर की market में आसानी से खरीद-फरोख्त कर पाना , इसे शेयर की liquidity कहतें हैं | जिन शेयरों को बाजार में आसानी से खरीदा और बेचा जा सकता है , वे highly liquid shares कहें जाते हैं |
BONUS SHARE
जब कोई कंपनी अपने शेयरहोल्डर्स को dividend देने की बजाय अतिरिक्त शेयर जारी करती है , तो उन शेयरों को Bonus share कहा जाता है |
ध्यान दें , ये एक खास अनुपात में जारी किए जातें है , इन अतिरिक्त शेयर्स के बदले कंपनी की तरफ से कोई पैसा नहीं लिया जाता है |
उम्मीद करतें इस पोस्ट के माधयम से दी गयी जानकारी जैसे ( 25 stock market terms for beginners ) आपके लिए उपयोगी साबित होगी |
अगर आपके पास इस पोस्ट से जुड़े अभी भी कोई सवाल हैं , तो उसे आप हमसे निचे दिए गए comment section में पूछ सकतें हैं |