दोस्तों जब भी हम किसी कंपनी में निवेश करतें हैं , तो मुनाफा कमाने के लिए ही करतें हैं , क्या आप किसी ऐसी कंपनी में निवेश करना चाहेंगे , जो कंपनी अपने ऋण यानि ( कर्ज ) पर ब्याज का भुगतान तक न कर पाएं , नहीं न ! इसलिए कंपनी के कर्ज पर ब्याज भर पाने की क्षमता का पता लगाने के लिए हम कुछ Solvency Ratios की मदद लेते हैं | इससे पिछले article में हमने Debt to Equity Ratio के बारें में बात की थी , अगर आप Debt to Equity Ratio के बारें में और ज्यादा जानना चाहतें हैं , तो Debt to Equity Ratio क्या हैं ? link पर click करके उस पोस्ट को पढ़ सकतें हैं |
आज के इस article में हम , Interest Coverage Ratio क्या हैं , Interest Coverage Ratio formula , तथा इसे कैसे calculate किया जाता हैं इत्यादि | इन सभी चीजों के बारें में हम विस्तार से जानने वाले हैं |
Interest Coverage Ratio क्या हैं ?
Interest Coverage Ratio को short में ( ICR ) भी कहा जाता हैं | यह एक Solvency Ratio हैं , जो की किसी कंपनी द्वारा एक लम्बी समय अवधि के लिए गए कर्ज पर ब्याज चुकाने की क्षमता को बताता हैं |
सरल भाषा में कहें तो,
कंपनी अपने ब्याज ( interest ) का सालाना कितना गुना कमा रही हैं , जिससे वो अपना ब्याज आसानी से भर पाएं | उदहारण के तौर पर ,
अगर किसी कंपनी को रु 10 का ब्याज भरना हैं , तो कंपनी को इसके लिए कम से कम 40-50 रु कमाने होंगे , तभी वो अपना ब्याज आसानी से भर पायेगी |
Interest Coverage Ratio Formula
यहाँ पर EBIT का अर्थ है , ( Earnings before Interest and Taxes ) यानि इस आय में से ब्याज और कर का भुगतान नहीं किया गया हैं | EBIT की calculation बहुत ही सरल हैं , इसके लिए हमे EBITDA में से Depreciation और Amortization को घटाना होता हैं |
Interest Coverage Ratio कैसे calculate किया जाता हैं ?
Interest Coverage Ratio की calculation के लिए EBIT और Interest expenses को शामिल किया जाता हैं | निचे दी गए Tata steel के ( Consolidated ) profit and loss statement पर एक नज़र डालिये | हमने यहाँ कुछ line items को Highlight करके दिखाया हैं |
यहाँ पर , EBITDA = 31,400 cr
Depreciation and Amortization = 9,234 cr
Interest expenses = 7,607 cr
जैसा की हम जानते हैं , की EBIT की calculation के लिए EBITDA में से depreciation and amortization को घटाया जाता हैं –
EBIT = EBITDA – Depreciation and Amortization
= 31,400 – 9,234
= 22,166
Interest Coverage Ratio = 22,166 / 7,607
= 2.9 times
ध्यान दें , Interest Coverage Ratio की value हमेशा times में निकाली जाती हैं | tata steel का ICR 2.9 times हैं , जिसका मतलब हैं , की कंपनी अपने Interest की तुलना में 2.9 times ज्यादा कमा रही हैं | जो की एक अच्छा संकेत हैं , लेकिन ये ratio कम है या ज्यादा , इसका पता आप इसी Industry की बाकी कंपनियों से इसकी तुलना करके लगा सकतें हैं |
एक अच्छा Interest Coverage Ratio कितना होना चाहिए ?
एक अच्छा Interest Coverage Ratio 3 to 4 times अच्छा माना जाता हैं , लेकिन यह हर एक Industry की कंपनियों के लिए अलग-अलग हो सकता हैं , उदहारण के तौर पर power , infrastructure और banking sector के लिए यह कम हो सकता हैं , क्योंकि इन्हे आमतौर पर कर्ज की जरुरत पड़ती रहती हैं |
वहीँ FMCG और Service sector से जुडी कंपनियों के लिए यह 3 to 4 times से ज्यादा भी हो सकता हैं | ऐसे में जब भी आप किसी कंपनी का ICR निकालें , तो उसे उसी sector की बाकी कंपनियों से जरूर compare करें , तभी आपको एक clear picture मिलेगी |
Interest Coverage Ratio का 1 के ऊपर 2 , 3 या 4 times होना यह बताता हैं , की कंपनी जितना कमा रही है , उससे अपना Interest आसानी से और समय पर भर सकती हैं | यह किसी भी कंपनी में निवेश के लिए एक अच्छा संकेत हो सकता है |
लेकिन ध्यान दें , सिर्फ Interest Coverage Ratio देखकर किसी कंपनी में निवेश न करें | इसके आलावा और भी कई parameters होतें है , जिन पर कंपनी को खरा उतरना होता हैं , उनके बारें में हम आगे आने वाले articles में विस्तार से चर्चा करेंगे |
आज आपने क्या सीखा ?
आज के इस article में आपने ICR क्या हैं , ICR formula , ICR calculation इत्यादि चीजों के बारें में जानकारी प्राप्त की हैं |
उम्मीद करतें है , इस पोस्ट के माध्यम से दी गयी जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी , अगर आपके पास इस पोस्ट से जुड़े अभी भी कोई सवाल है , तो उसे आप हमसे निचे दिए गये comment section में पूंछ सकतें हैं |
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