Working Capital को प्रभावित करने वाले कारक | Factors Affecting Working Capital in Hindi

इससे पिछले article में हमने Working Capital के बारें में जाना था , जहाँ हमने working capital क्या हैं ? , इसके फॉर्मूले और इसके महत्व के बारें में जानकारी प्राप्त की थी | इससे हमने ये जाना था , की working capital किसी business के लिए कितना महत्व रखती हैं | आज के इस article में हम working capital को प्रभावित करने वाले कारकों के बारें में विस्तार से जानेंगे –

 

Working Capital क्या हैं ?

Working Capital किसी business की वह पूंजी हैं । जो किसी business को चलाने के लिए उसके दैनिक खर्चों जैसे ( कच्चे माल की खरीद , staff salary , wages , bills ) इत्यादि के लिए काम में लायी जाती हैं , तथा यह working capital किसी business में कितनी कम लगेगी या कितनी ज्यादा लगेगी , यह कुछ मह्त्वपूर्ण बातों पर निर्भर करता हैं | उदहारण के तौर पर –

अगर कोई कंपनी किसी product की manufacturing करती हैं , तो उसे working capital की requirement ज्यादा होगी , किसी अन्य business की तुलना में | ऐसे बहुत से कारक हैं , जो किसी कंपनी की working capital को प्रभावित कर सकतें हैं , चलिए उनके बारें में एक-एक करके विस्तार से जानते हैं –

 

Working Capital को प्रभावित करने वाले कारक –

 

Nature of Business

Working Capital की किसी business में कितनी requirement होगी , यह निर्भर करता हैं , की business किस तरह का  हैं | उदहारण के तौर पर , जो कम्पनियाँ किसी product की manufacturing करती हैं , उन्हें working capital की requirement ज्यादा होगी , क्योंकि इस तरह की कंपनियों में operating cycle काफी लम्बा होता हैं |

वही अगर trading का business हैं , जैसे कोई retail shop . तो इस case में working capital की requirement कम होगी , क्योंकि इनका operating cycle “manufacturing companies” की तुलना में काफी छोटा होता हैं |

 

Scale of Operation

जितना बड़ा scale of operation होगा , उतनी ही ज्यादा working capital की जरुरत पड़ेगी | क्योंकि उतनी ही ज्यादा मात्रा में कंपनी को Raw material की जरुरत पड़ने वाली हैं |

 

Business Cycle

किसी business में working capital कितनी ज्यादा या कम लगेगी , यह निर्भर करता हैं business cycle पर | उदहारण के तौर पर , अगर किसी business का boom period चल रहा हैं , तो उसके product की demand उतनी ही ज्यादा होगी , जिसके लिए उसे ज्यादा Raw material की जरुरत पड़ने वाली हैं |

बजाय , इसके अगर depression period आता हैं , यानि उस product की demand में कमी आती हैं , तो working capital की requirement भी उतनी ही कम होगी |

 

Seasonal Factors

अगर कोई ऐसा business हैं , जिसके product की demand किसी एक particular season में ज्यादा होती हैं , तो उसे working capital की requirement उस particular season में ज्यादा पड़ने वाली हैं , बजाय इसके की Off season के |

 

Credit Allowed

अगर किसी business की liberal credit policy हैं , यानि वो अपना माल उधार पर बेचती हैं , तो इस case में working capital की requirement ज्यादा होगी | वहीँ , अगर कोई business “strict credit policy” को अपनाता हैं , तो उसे working capital की requirement कम होगी |

 

Credit Availed

अगर  कंपनी अपना business run करने के लिए कच्चा माल credit पर खरीदती हैं , तो उसे working capital की requirement कम होगी , बजाय इसके , की कच्चा माल खरीदतें समय कम्पनी नकदी भुगतान करें |

 

Production Cycle

Production Cycle basically कच्चे माल की खरीद से लेकर उसको finished goods में convert करने तक का समय होता हैं | किसी कंपनी का production cycle जितना ज्यादा लम्बा होगा , उसको उतनी ही ज्यादा working capital की requirement होगी | बजाय इसके , अगर production cycle छोटा हैं , तो working capital की requirement भी कम ही होगी |

 

Operating Efficiency

कोई Firm कितने बेहतर तरीके से operating activities को manage करती हैं , उदहारण के तौर पर ( Raw material के wastage को कम करना ) | उस firm को उतनी ही कम working capital की requirement होगी | बजाय इसके , अगर कोई फर्म operating activities को efficiently manage नहीं कर पा रही हैं , तो इस case में उसे working capital की requirement ज्यादा होगी |

 

Availability of Raw Material

अगर किसी कंपनी को आसानी से Raw material उपलब्ध हो जाता हैं , तो उसे Raw material के तौर पर अपने पास कम inventories रखनी होगी , जिसके लिए उसे कम working capital की जरुरत पड़ेगी |

बजाय इसके , अगर Raw material आसानी से उपलब्ध नहीं होता , यानि काफी समय लगता हैं ( उदहारण के तौर पर , अगर कंपनी बाहर से Raw material import करती हैं ) , तो उसे अपने पास काफी inventories store करके रखनी पड़ेगी | जिसके लिए उसे ज्यादा working capital की जरुरत पड़ेगी |

 

Level of Competition

अगर कोई कंपनी किसी ऐसे sector में business कर रही हैं , जहाँ competition ज्यादा हैं , तो इसके लिए कंपनी को liberal credit policy रखनी होगी , जिसके लिए कंपनी को ज्यादा working capital की requirement होगी |

वहीँ , अगर कंपनी की किसी sector में monopoly है , तो उसे working capital की requirement भी कम ही होगी |

 

Growth Prospectus

अगर कोई कंपनी अपने मौजूदा स्तर से और ज्यादा grow करना चाहती हैं , तो इसके लिए उसे अपने पास ज्यादा working capital रखनी होगी , क्योंकि इसके लिए कंपनी को अपना scale of operation बढ़ाना होगा , जिसके लिए उसे ज्यादा inventories की जरुरत पड़ेगी |

 

Inflation

अगर Inflation यानि ( महंगाई ) बढ़ती हैं , तो कई चीजों की कीमतें बढ़ती हैं | जिसमे कंपनी के लिए Raw material का महंगा होना , labour cost का बढ़ना इत्यादि शामिल हैं | जिसके लिए कंपनी को ज्यादा working capital की जरुरत पड़ती हैं |

 

 

 

आज आपने क्या सीखा ?

आज के इस article में आपने , working capital क्या हैं , और यह किन कारकों से प्रभावित हो सकती हैं | इसके बारें में जानकारी प्राप्त की हैं | उम्मीद करतें हैं , इस पोस्ट के माध्यम से दी गयी जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी |

अगर आपके पास इस पोस्ट से जुड़े अभी भी कोई सवाल हैं , तो उसे आप हमसे निचे दिए गये comment section में पूंछ सकतें हैं |

 

 

 

 

 

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