शेयर बाजार से मुख्य रूप से दो तरीको से मुनाफा कमाया जा सकता हैं,
- Capital Appreciation
- Dividend Income
Dividend Income एक passive income source हैं , अगर आप भी dividend से अच्छा मुनाफा कमाना चाहतें हैं , तो आपको Dividend policy के बारें में जानकारी होना जरुरी हैं , क्योंकि इसी के आधार पर कम्पनियाँ अपने शेयरहोल्डर्स को डिविडेंड का भुगतान करती हैं , इसलिए आज के इस article में हम dividend policy के बारें जानने वाले हैं , जैसे dividend policy क्या होती हैं , और यह कितने प्रकार की होती हैं , इत्यादि , तो चलिए शुरू करतें हैं –
Dividend Policy क्या हैं ?
आमतौर पर जब कम्पनियाँ किसी वित्तीय वर्ष मुनाफा कमाती हैं , तो अपने मुनाफे का कुछ हिस्सा वो अपने शेयरहोल्डर्स के साथ साझा करती हैं , जिसे dividend कहा जाता हैं | ये dividend शेयरहोल्डर्स को दिया जाएगा या नहीं , यह कंपनी के board of directors द्वारा AGM यानि ( Annual General Meeting ) में तय किया जाता हैं , जो की कई कारणो पर निर्भर करता हैं , जैसे future growth prospects , debt obligations इत्यादि |
आमतौर पर जब कम्पनियाँ अपने शेयरहोल्डर्स को dividend देती हैं , तो यह dividend policy के अंतर्गत दिया जाता हैं | शेयरहोल्डर्स को किस frequency के साथ डिविडेंड दिया जाएगा , या किस rate के साथ दिया जाएगा | ये सभी चीजें dividend policy में mention की जाती हैं |
Generally , Dividend policy कई प्रकार की होती हैं , जिसके अंतर्गत कम्पनियाँ अपने शेयरहोल्डर्स को डिविडेंड का भुगतान करती हैं |
कितने प्रकार की होती हैं Dividend Policy
Dividend policy मुख्य रूप से 4 प्रकार की होती हैं , जिन्हे कम्पनियाँ अक्सर अपनाती हैं | चलिए उनके बारें में एक-एक करके विस्तार से जानते हैं –
1. Regular Dividend Policy –
Regular Dividend Policy वो होती हैं , जिसके अंतर्गत कम्पनियाँ अपने शेयरहोल्डर्स को Regular डिविडेंड का भुगतान करती हैं | इसका कंपनी के profit और loss से कोई लेना-देना नहीं होता |
अगर किसी वर्ष कंपनी को ज्यादा मुनाफा होता हैं , तो एक Fixed amount dividend देने के बाद , जो पैसा बचता हैं , उसे कंपनी द्वारा future growth के लिए Retained earnings के तौर पर रख लिया जाता हैं | वहीँ अगर किसी वर्ष कंपनी को loss होता हैं , तो भी कंपनी को डिविडेंड pay करना ही होता हैं |
आमतौर पर , इस policy के अंतर्गत मिलने वाला डिविडेंड कम या ज्यादा हो सकता हैं , क्योंकि कंपनियों को हर वर्ष डिविडेंड का भुगतान करना होता हैं | इस तरह की dividend policy को अक्सर Well Established कंपनियां अपनाती हैं , क्योंकि इनका cash flow आमतौर पर काफी stable रहता हैं |
2. Stable Dividend Policy –
Stable dividend policy वो होती हैं , जिसके अंतर्गत कपनियां अपने शेयरहोल्डर्स को एक fixed percentage के साथ डिविडेंड का भुगतान करती हैं , उदहारण के तौर पर –
अगर कम्पनी 6 % का भुगतान करती हैं , तो कंपनी को किसी वित्तीय वर्ष रु 1,00,000 का मुनाफा हो , या रु 10,00,000 का | कंपनी अपने शेयरहोल्डर्स को 6 % तक ही भुगतान करेगी |
इस तरह की policy में एक fixed percentage होने के साथ , एक समस्या हैं , वो ये हैं की शेयरहोल्डर्स के लिए यह predict कर पाना काफी मुश्किल होता हैं , की इस वर्ष dividend का भुगतान कितना होगा , क्योंकि इस तरह की policy के अंदर डिविडेंड कम मिलने वाला हैं , या ज्यादा | यह निर्भर करता हैं , कंपनी के मुनाफे पर , जो की हर वर्ष एक सा नहीं रहता |
3. Irregular Dividend Policy –
इस तरह की policy के भीतर कंपनी पर कोई obligations नहीं होता , की शेयरहोल्डर्स को डिविडेंड pay ही करना हैं | कम्पनियाँ चाहे तो अपने मुनाफे को शेयरहोल्डर्स को डिविडेंड देने की बजाय future growth के लिए इसे अपने पास Retained earnings के तौर पर भी रख सकती हैं , और चाहे तो reward के रूप में अपने शेयरहोल्डर्स को डिविडेंड का भुगतान भी कर सकती हैं |
Irregular dividend policy अक्सर वो कम्पनियाँ अपनाती हैं , जिनका cash flow अक्सर uneven रहता हैं |
4. NO Dividend Policy –
इस तरह की policy के भीतर कंपनियों द्वारा उनके शेयरहोल्डर्स को किसी प्रकार का कोई डिविडेंड नहीं दिया जाता , जैसा की नाम से ही पता चलता हैं No dividend policy .
Dividend न देने की एक वजह ये भी हैं , की कम्पनियाँ अपनी growth पर काफी focus करती हैं , जैसे भविष्य में कोई New project शुरू करना हो , या Debt obligations को पूरा करना हो , या working capital के तौर पर कुछ राशि को अपने पास रखना हो , इत्यादि |
आमतौर पर , ये कम्पनियाँ अपने शेयरहोल्डर्स को capital appreciation के जरिये फायदा पहुंचाती हैं | इस तरह की policy को आमतौर पर नई कम्पनियाँ और startups अपनातें हैं |
आज आपने क्या सीखा ?
आज के इस article में आपने , Dividend policy क्या हैं , और Types of dividend policy के बारें में जानकारी प्राप्त की हैं |
उम्मीद करतें हैं , इस पोस्ट के माध्यम से दी गयी जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी | अगर आपके पास इस पोस्ट से जुड़े अभी भी कोई सवाल है , तो उसे आप हमसे निचे दिए गएँ comment section में पूंछ सकतें हैं |