नमस्कर दोस्तों , इससे पिछले article में हम ने Current Assets Turnover Ratio के बारें में बात की थी |
आज के इस article में हम Assets के बारें में जानने वाले हैं , जैसे ( Assets क्या हैं , Types of Assets , इत्यादि ) , तो चलिए शुरू करतें हैं –
Assets क्या हैं ?
Assets का अर्थ हैं , “संपत्ति” , यानि वो Economic Resources जिनकी अपनी कोई Economic Value होती हैं |
साधारण शब्दों में कहें , तो
ऐसी कोई चीज , जो आपको वर्तमान और भविष्य में मुनाफा कमा के दें , जैसे ( Land , Machinery , Shares , Bonds , Cash , इत्यादि )
अगर Business के नज़रिये से बार करें , तो ( Land , Plant & Machinery , Inventories , Account Receivables , इत्यादि ) ये सभी चीजें किसी Business के लिए Assets मानी जाती हैं |
चलिए अब समझतें हैं , Assets के प्रकार –
Assets के प्रकार –
कोई भी Assets आपको कितने समय में फायदा देगी , उसकी Physical Presence तथा उसके इस्तेमाल पर , Assets को कई भागों में बाटाँ गया हैं , जो की इस प्रकार हैं –
1) Current Assets –
Current Assets वो संपत्ति हैं , जो Highly Liquid होती हैं , यानि जिसे के वर्ष या उससे कम समय के भीतर आसानी से Cash में convert किया जा सकता हैं , जैसे ( Inventories , Account Receivables , Prepaid Expenses , Marketable Securities , इत्यादि | )
2) Fixed Assets –
Fixed Assets में low liquidity होने के कारण इसे आसानी से Cash में convert नहीं किया सकता , यानि ऐसी संपत्ति जिसे Cash में Convert करने पर एक वर्ष या उससे ज्यादा का समय लगे , जैसे ( Land , Plant & Machinery , Building या Fixed Deposit जिसे आपने एक वर्ष से ज्यादा अवधि के लिए निवेश किया हैं , इत्यादि | )
इसके अलावा Assets के कुछ और प्रकार भी हैं , जिन्हे उनकी Physical Presence के आधार पर बांटा गया हैं , चलिए उन्हें समझतें हैं –
3) Tangible Assets –
Tangible Assets वो संपत्ति हैं , जिन्हे देखा और छुआ जा सकता हैं , जैसे ( Cash , Land & Building , Plant & Machinery , Furniture , Inventories , इत्यादि | )
4) Intangible Assets –
Intangible Assets ” Tangible Assets “ के विपरीत होती हैं , यानि ये ऐसी संपत्ति होती हैं जिन्हे देखा और छूआ नहीं जा सकता हैं , जैसे ( किसी Business की कोई Brand Value . इसके अलावा और भी उदहारण हैं , Intangible Assets के , जैसे Patent, Trademark , license , Goodwill , इत्यादि | )
इसके अलावा किसी संपत्ति के उपयोग के आधार पर भी Assets को और दो भांगों में बातां गया हैं , जैसे –
5) Operating Assets –
Operating Assets वो होतें हैं , जो किसी Business के Core-operations से जुड़े होतें हैं | ये Business के खर्चों को कम करने तथा Revenue Generate करने के लिए काम में लाये जातें हैं |
साधारण शब्दों में कहें , तो
Operating Assets वो होतें हैं , जो किसी Business के day-today operations को run करने के लिए जरुरी होतें हैं , जैसे Cash , Inventories , Machinery , License , Copyright , Patent , इत्यादि |
6) Non- Operating Assets –
Non-Operating Assets वो होतें हैं , जो किसी Business के Core-operations से जुड़े तो नहीं होतें , लेकिन ये कंपनियों के लिए Revenue Generate करने का काम करतें हैं , जैसे अगर कोई Fixed Deposit किया हैं , वहां से Interest Income मिलना , Short-term Investment और Shares , Bonds में निवेश इत्यादि |
उम्मीद करतें हैं , इस पोस्ट के माध्यम से दी गयी जानकारी जैसे ( Assets क्या हैं , Types of Assets , इत्त्यादि ) आपके लिए उपयोगी साबित होगी |
अगर आपके पास इस पोस्ट से जुड़े अभी भी कोई सवाल हैं , तो उसे आप हमसे निचे दिए गएँ Comment section में पूंछ सकतें हैं |