Financial Ratios in Hindi | Types of Financial Ratios

नमस्कार दोस्तों , आज के इस article में हम Financial ratios क्या हैं ,  Financial ratios के प्रकार , Financial ratios के फायदों के बारें में विस्तार से जानेंगे , तो चलिए शुरू करतें हैं ?

FINANCIAL RATIOS क्या है ?

Financial ratios कंपनी की financial health का पता लगाने के लिए इस्तेमाल में लायी जाने वाली ratios होती है , इन्हे accounting ratios भी कहा जाता है | कोई भी कंपनी financially कितनी strong है , और financially कितनी weak इसका पता हम आसानी से लगा सकतें हैं |

साथ ही कंपनी long-term और short-term में कैसा perform कर रही है और कंपनी अपनी industry की बाकी कंपनियों की तुलना में कितना मुनाफा अर्जित कर रही हैं , इनको शामिल किया जाता है |

Financial ratios कंपनी की financial statements पर आधारित होती हैं , इसमें कंपनी के numbers और figures पर ध्यान दिया जाता है | कंपनी की financial position का पता लगाने के लिए हम कई ratios को काम में लेते हैं , जिसके बारें में आगे हम विस्तार से जानेंगे |

 

FINANCIAL RATIOS के प्रकार –

Financial ratios को मोटे तौर पर चार भागों में बांटा गया हैं –

  1. Liquidity Ratio
  2. profitability Ratio
  3. Valuation Ratio
  4. Solvency Ratio

 

Liquidity Ratio

Liquidity ratios से कंपनी की short-term financial position का पता लगाया जाता हैं , जैसे कोई कंपनी अपने short-term debt यानि ( छोटी अवधि के लिए “लिए गए कर्ज” ) से कितनी जल्दी कर्जमुक्त हो सकती हैं |

यहाँ पर छोटी अवधि से सीधा मतलब है एक वर्ष के भीतर | कंपनी की liquidity पता करने के लिए मुख्य रूप से तीन तरह के ratios को काम में लिया जाता हैं |

  • Current ratio
  • Quick ratio
  • Cash ratio

 

Profitability Ratio

Profitability ratio का इस्तेमाल किसी भी कंपनी की profitability का पता लगाने के लिए किया जाता है | profitability ratios से हमे पता चलता हैं , की कंपनी अपनी sales के मुकाबले कितना मुनाफा कमा रही हैं |

इससे यह भी पता चलता है , की कंपनी shareholder’s के funds और कंपनी की assets पर कितना return generate कर रही हैं | profitability ratios कुछ इस प्रकार है –

  • Gross profit margin
  • Operating profit margin
  • Return on equity ( ROE )
  • Return on assets ( ROA )

 

Solvency Ratio

Solvency ratio का इस्तेमाल कंपनी की solvency पता करने के लिए किया जाता है , यानि की कंपनी के पास जो assets है , उनमे कितना portion debt financing का हैं , इसके आलावा कंपनी अपने मुनाफे का कितना हिस्सा ब्याज भुगतान के लिए कर रही हैं | इन ratios से हमे ये पता चलता हैं , की कंपनी कर्ज की स्तिथि में हैं | Solvency ratios मुख्य रूप से चार प्रकार के होतें है |

  • Debt ratio ( Debt to asset ratio )
  • Debt to equity ratio
  • Interest coverage ratio
  • Debt service coverage ratio

 

Valuation Ratio

Valuation ratio का इस्तेमाल stocks की valuation के लिए किया जाता हैं , उदहारण के तौर पर कोई stock अपनी real value की तुलना में बाजार में कितने premium पर बिक रहा हैं , इसके आलावा कंपनी प्रति शेयर कितना मुनाफा कमा रही है इत्यादि चीजों का पता लगाया जाता है |

इसमें  P/E ratio काफी प्रचलित नाम हैं | Valuation ratio के कुछ प्रकार इस तरह हैं –

  • Price to sales ratio
  • Price to book ratio
  • Price to earning ratio

 

FINANCIAL RATIOS के फायदे

Financial ratios एक तरह से indicator की तरह काम करतें हैं | यह कंपनी से जुडी कई वित्तीय जानकारी को समझने में मदद करतें है , जिस वजह से इसके कई फायदे निकलकर आतें हैं , जो की इस प्रकार हैं –

  1. कंपनी की दिवालिया स्तिथि का पता लगाया जा सकता हैं |
  2. बाजार में कंपनी की market value का आसानी से पता लगाया जा सकता है
  3. किसी भी कंपनी की Liquidity का पता लगाने में काफी मददगार साबित होतें हैं |
  4. किसी Industry की बाकी कंपनियों से तुलना करना आसान होता हैं |
  5. किसी कंपनी द्वारा उसके dat to day होने वाले expences को manage कर पाने की क्षमता का पता लगाना आसान होता है |

 

 

उम्मीद करतें इस पोस्ट के माध्यम से दी गयी जानकारी जैसे ( Financial ratios क्या है  , Financial ratios के प्रकार , Financial ratios के फायदे इत्यादि ) आपके लिए उपयोगी साबित होगी |

अगर आपके पास इस पोस्ट से जुड़े अभी भी कोई सवाल है , तो उसे आप हमसे निचे दिए गए comment section में पूछ सकतें हैं |

 

 

 

 

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