Fixed Capital और Working Capital में अंतर | Difference between Fixed Capital and Working Capital in Hindi

मुख्य रूप से किसी business को शुरू करने के लिए और उसे continuously run करने के लिए दो तरह की capital की जरुरत पड़ती हैं |

  1. Fixed capital
  2. Working Capital

इससे पिछले article में हमने working capital के बारें में जानकारी प्राप्त की थी , जैसे Working capital क्या हैं , तथा Working Capital को प्रभावित करने वाले कारक, इत्यादि |

आज के इस article में हम Fixed capital और Working capital के बीच कुछ जरुरी अंतरों को देखेंगे –

 

Fixed Capital क्या हैं ?

जब किसी business की शुरुआत की जाती हैं , या उसे बढ़ाया जाता है , तो fixed capital की जरुरत पड़ती हैं | Fixed Capital वो होती हैं , जिसे कंपनी की fixed assets में invest किया जाता हैं , उदहारण के तौर पर ( plant and machinery , Real estate , Tools , Vehicles ) इत्यादि |

Fixed Capital किसी business में लम्बी अवधि के लिए निवेश की जाती हैं , जिसका उपयोग एक accounting year से ज्यादा के लिए किया जाता हैं | अलग-अलग business के हिसाब से fixed capital की requirement कम या ज्यादा हो सकती हैं , उदहारण के तौर पर , Retail & Services कंपनियों की तुलना में manufacturing कंपनियों में fixed capital की जरुरत ज्यादा पड़ती हैं |

 

Working Capital क्या हैं ?

Working Capital वो होती हैं , जो किसी business के दैनिक खर्चों को पूरा करने , जैसे (  electricity bill , wages , staff salary , rent ) इत्यादि , तथा Day to Day Operations को Run करने के लिए काम में लायी जाती हैं |

Working Capital को current assets में से current liabilities को घटाकर निकाला जाता हैं , अगर किसी कंपनी का working capital surplus में है , तो इसका मतलब कंपनी में पर्याप्त मात्रा में liquidity हैं |

 

Fixed Capital और Working Capital में अंतर –

Fixed Capital और Working Capital दो मुख्य capital हैं , जो किसी business के लिए बेहद जरुरी हैं | जहाँ fixed capital को किसी business के शुरूआती दौर में लगाया जाता हैं , वहीँ working capital को उस business को continuously run करने के लिए invest किया जाता हैं |

Working capital और Fixed capital में और भी बहुत से अंतर हैं , जो इन्हे एक-दूसरे से काफी अलग बनाते हैं , चलिए उनके बारे में एक-एक करके विस्तार से जानते हैं –

 

BasisFixed Capital Working Capital 
MeaningFixed Capital nature में fixed होती हैं , जिसे किसी business में one-time invest किया जाता हैं |Working Capital किसी business को continuously run करने के लिए , हर एक accounting year में invest की जाती हैं |
Purpose fixed capital किसी business को establish करने या उसे grow करने के लिए काम में लायी जाती हैं |working capital किसी business के दैनिक खर्चों जैसे ( bills , wages , rent ) इत्यादि , को पूरा करने के लिए काम में लायी जाती हैं |
Conversion इसे cash में आसानी से convert नहीं किया जा सकता |working capital को आसानी से cash में convert किया जा सकता हैं |
Accounting period fixed capital का एक से अधिक accounting period के लिए उपयोग किया जाता हैं |इसे एक accounting year के लिए उपयोग किया जाता हैं |
Liquidityfixed capital में liquidity नहीं होती |working capital में fixed capital की तुलना में ज्यादा liquidity होती हैं |
Assets under Capitalfixed capital “Non-current” assets में invest की जाती हैं , जैसे ( plant and machinery , Real estate , vehicles ) इत्यादि |working capital “current assets” में invest की जाती हैं , जैसे ( inventories , cash & bank balance , marketable securities ) इत्यादि |
Sources fixed capital को जुटाने के कई sources हैं , जैसे ( issuing of equity & preference shares , long-term loans , issuing debentures ) इत्यादि |वहीँ , working capital ( short-term loans , deposits तथा trade credit के माध्यम से जुटाई जा सकती हैं | 

 

 

 

उम्मीद करतें हैं , इस पोस्ट के माध्यम से दी गयी जानकारी , जैसे ( Fixed Capital क्या हैं , Fixed Capital और Working Capital के बीच अंतर ) आपके लिए उपयोगी साबित होगी | 

अगर आपके पास इस पोस्ट से जुड़े अभी भी कोई सवाल है , तो उसे आप हमसे निचे दिए गए comment section में पूंछ सकतें हैं | 

 

 

 

 

 

यह भी पढ़ें :-
Share your love ❤️
Author
Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *