Hyperinflation का अर्थ हैं ” अतिस्फीति “ या ” अतिमुद्रास्फीति “
हम सभी जानतें हैं, जब किसी चीज की अति हो जाती हैं, तो वो कितनी खतरनाक साबित हो सकती हैं | यही अवधारणा महंगाई यानि ( Inflation ) पर भी लागू होती हैं|
Hyperinflation महंगाई का ही एक प्रचंड रूप हैं |
Hyperinflation एक ऐसी situation हैं , यानि एक ऐसी परिस्थिति , जब किसी देश में सभी वस्तुओं और सेवाओं के दाम बहुत जल्दी और तेजी से बढ़ने लगतें हैं |
Hyperinflation तब होता है, जब किसी देश में एक महीने के भीतर सभी वस्तुओं और सेवाओं के दाम 50 % से अधिक बढ़ जातें हैं |
उदहारण के तौर पर,
मान लीजिये ऐसी परिस्थिति में आपने कोई वस्तु खरीदी , जिसके लिए आपने रु 100 चुकाएँ | अब अगर कल आप वही वस्तु खरीदतें हैं, तो आपको उसके लिए रु 150 तक चुकाने पड़ सकतें हैं |
हालांकि, Hyperinflation बहुत ही rare हैं, लेकिन इसके बावजूद भी इतिहास में कई देश hyperinflation का सामना कर चुकें हैं जैसे ( yugoslavia, hungary, Zimbabawe, germany.
आपकी जानकारी के लिए बता दें , भारत में अभी current inflation rate 7 % है |
चलिए अब समझतें हैं,
क्यों होती हैं Hyperinflation ?
Hyperinflation के स्तिथि तब आती हैं , जब किसी अर्थव्यवस्था में money supply बढ़ जाती हैं | खासतौर पर तब , जब ये Economic growth को support न करती हो | आपकी जानकारी के लिए बता दें , किसी देश की अर्थव्यवस्था में money supply को control करना Central Bank का काम होता हैं , उदहारण के तौर पर भारत में RBI यानि ( Reserve Bank of India )
यहाँ पर money supply बढ़ जाने का अर्थ हैं , Currency की ज्यादा मात्रा में printing करना | आमतौर पर यह निर्णय सरकार द्वारा बजट घाटे को कम करने के लिए लिया जाता हैं |
इसे ऐसे समझे ,
जब किसी country में money supply बढ़ती हैं , तो लोगों के पास ज्यादा पैसे होतें हैं खर्च करने के लिए , जिसके लिए वो किसी चीज के ऊँचे दाम pay कर सकतें हैं | जिस वजह से यह परिस्थिति आती हैं |
Hyperinflation किसी भी country के लिए बेहद मुश्किल परिस्थिति हैं | जहाँ Inflation में यह rate monthly बढ़ते हैं , वहीँ Hyperinflation में यह rate daily 5-10 % बढ़ते हैं |
साधारण शब्दों में कहें तो , Hyperinflation में currency की purchasing power बेहद कम हो जाती हैं |
हालांकि, Hyperinflation कई कारणों से हो सकती हैं , जैसे खराब अर्थव्यवस्था, महामारी, प्राकर्तिक आपदा, या अन्य कारण जैसे Demand का Supply से कहीं अधिक बढ़ जाना |
Hyperinflation के प्रभाव
Hyperinflation जब होती हैं , तब यह सरकारों से लेकर वित्तीय संस्थान , यहाँ तक की आम आदमी को भी प्रभावित करती हैं |
Hyperinflation जब होती हैं , जब किसी अर्थव्यवस्था में excess money supply बढ़ जाती हैं | जिससे होता यह हैं , की consumer के पास ज्यादा पैसा होता हैं , किसी product के बदले pay करने के लिए , जिससे Demand बढ़ती हैं , और Hyperinflation को और push मिलता हैं|
इसके अलावा जब किसी वस्तु या सेवा के बदले ज्यादा पैसे pay किये जा रहें हैं , तो इसका यह भी मतलब हैं , की Currency की purchasing power घट रही हैं |
जिस वजह से होता ये हैं , consumer किसी stable currency की तरफ switch करना शुरू कर देतें हैं | इसके अलावा Hyperinflation की वजह से सरकारी खर्चों में भी बदलाव आता हैं |
उम्मीद करतें हैं , इस पोस्ट के माध्यम से दी गयी जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी | आपको यह पोस्ट कैसी लगी हमे comment करके जरूर बताएं |