आज के इस article में हम IPO Process को step by step देखने वाले हैं –
आमतौर पर जब कोई कंपनी IPO लाने का विचार करती हैं , तो उसे IPO की planning करने से लेकर IPO को launch करने तक 6-8 महीनों का समय लग जाता हैं | इस दौरान कंपनी को एक लम्बी प्रक्रिया से गुज़रना पड़ता हैं , जिस दौरान कंपनी को कई steps follow करने पड़ते हैं | चलिए उन steps को एक-एक करके समझतें हैं |
IPO Process Step-by-Step in Hindi
1. Merchant Banker की नियुक्ति
Merchant Banker वो होता हैं , जो किसी कंपनी के लिए शुरू से अंत तक इस IPO की प्रक्रिया को पूरी करता हैं | Merchant Banker को Book Running Lead Manager या Lead Manager भी कहा जाता है |
Merchant Banker “Underwriting” का काम भी करतें हैं , मुख्य रूप से ये Investor और Company के बीच एक अहम् भूमिका निभाते हैं | जब कोई कंपनी IPO की योजना बनाती है , तो वो एक या एक से अधिक underwriter को नियुक्त कर सकती है |
यह इस बात पर निर्भर करता हैं , की IPO का Size क्या हैं ? एक Merchant Banker को IPO के लिए कई कार्य करने पड़ते हैं , जैसे –
Merchant Banker के कार्य –
- Due diligence conduct करना
- Red Herring Prospectus तैयार करना
- IPO का Registration कराना
- SEBI से Approval लेना
- Date of Issue तय करना
- Price Band निर्धारित करना
- IPO के लिए किसी दूसरे Intermediaries जैसे Registrar , Bankers की नियुक्ति करना
- Shares को underwrite करना – इसमें कंपनी के सभी शेयर्स या शेयर्स का कुछ हिस्सा समझौते के साथ underwriter द्वारा ले लिया जाता हैं , जिसे बाद में public में Resell किया जाता हैं |
2. Due Diligence conduct करना
Due Diligence किसी Merchant Banker द्वारा किया जाता है | इसमें Merchant Bankers यह सुनिश्चित करतें है , की जो जानकारी कंपनी द्वारा दी जा रही हैं, वो पूरी तरह सही हो और कंपनी ने सभी नियमों का पालन किया हो |
इसमें कंपनी के Corporate actions , Financials , Future risk आदि शामिल किये जातें हैं | इसके लिए Merchant Banker द्वारा कंपनी को due diligence certificate भी issue किया जाता हैं |
3. Red Herring Prospectus तैयार करना
यह एक तरह का prospectus होता है , जिसे Registration और SEBI के Approval के उद्देश्य के साथ तैयार किया जाता हैं | इसमें कंपनी से जुडी सभी जरुरी जानकारियां शामिल की जाती हैं , जैसे –
- कंपनी का व्यवसाय क्या है ?
- कंपनी के व्यवसाय से जुड़े कौन-कौन से risk हैं ?
- कंपनी IPO के जरिये जुटाए गए पैसों का कहाँ इस्तेमाल करने वाली है ?
- कंपनी का Business model क्या हैं ?
- कंपनी के Management मे कौन-कौन से लोग शामिल हैं और किन-किन पदों पर हैं ? इसकी पूरी जानकारी शामिल की जाती हैं |
4. IPO का Registration कराना
इसमें merchant banker द्वारा कंपनी के registration statement समेत RHP का ROC ( Registrar of Company ) और Stock Exchanges के पास Registration कराया जाता हैं | इसके बाद ही Bidding की प्रक्रिया शुरू की जाती हैं |
5. SEBI द्वारा Verification
इसमें SEBI द्वारा prospectus का verification किया जाता है , तथा यह सुनिश्चित किया जाता हैं , की जो जानकारी कंपनी द्वारा दी जा रही हैं वो पूरी तरह सही हैं | इसमें approval मिलने के बाद ही date of issue तय की जाती हैं |
6. Roadshow करना
Roadshow यानि IPO का प्रचार-प्रसार | इसमें Institutional Investor , Fund manager , HNI इत्यादि को कंपनी के IPO के प्रति इनमे excitement पैदा करना मुख्य उद्देश्य होता हैं |
7. IPO pricing
SEBI से approval मिलने का बाद IPO की bidding को कुछ दिनों तक खोला जाता हैं , जो आमतौर पर 3-5 दिनों तक हो सकता हैं | इस दौरान IPO की pricing तय की जाती हैं |
आमतौर पर शेयर किस price पर issue करना है , इसका पता दो तरीकों से लगाया जाता हैं 1. Fixed price issue 2. Book building issue . आमतौर पर ज्यादातर कंपनियों द्वारा book building process को ही अपनाया जाता हैं |
Fixed price issue
Fixed price issue में कितने no. of shares issue करने है , और किस कीमत पर issue करने है | यह सब कंपनी द्वारा तय किया जाता है |
Book building issue
इसमें कपनी द्वारा एक price band तय की जाती है , जिसमे एक कीमत ऊपरी और एक कीमत निचली होती है | ऊपरी कीमत को cap price और निचली कीमत को Floor price कहा जाता हैं |
Floor price और cap price के बीच का difference अधिकतम 20% ही रखा जा सकता हैं | इसमें एक निवेशक इस price range के बीच किसी भी कीमत पर bidding कर सकता हैं , उदहारण के तौर पर 100-120 . यहाँ पर 100 एक निचली कीमत हैं , जो की floor price को दर्शाती है , जबकि 120 एक ऊपरी कीमत हैं , जो की cap price को दर्शाती हैं |
8. Open IPO for public
इसमें prospectus में तय गयी तिथि के अनुसार IPO को निवेशकों के लिए उपलब्ध कराया जाता हैं |
9. Determine Issue price & Share Allotement
Bidding process के दौरान , जिस कीमत पर सबसे ज्यादा bid आयी होती हैं , उसी कीमत पर निवेशकों को share allote किये जातें हैं |
10. Listing and Unblocking of Fund
यह वो अंतिम दिन होता हैं , इस दिन कंपनी का शेयर Exchange पर list होता हैं | Share अपनी cut-off कीमत से demand और supply के कारण At Par , At Premium और At Discount पर list हो सकता हैं | इसके बाद जिन लोगो को share allote नहीं होतें , उनका पैसा Refund कर दिया जाता हैं |
उम्मीद करतें है , इस पोस्ट के माध्यम से दी गयी जानकारी जैसे IPO process step by step in hindi . आपके लिए उपयोगी साबित होगी |
अगर आपके पास इस पोस्ट से जुड़े अभी भी कोई सवाल है , तो उसे आप हमसे निचे दिए गये comment section में पूंछ सकतें हैं |
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