नमस्कार दोस्तों , आज के इस article में हम Long term Debt to Capitalization Ratio के बारें में बात करने वाले हैं , जैसे Long term Debt to Capitalization Ratio क्या हैं , Long term Debt to Capitalization Ratio Formula तथा Long term Debt to Capitalization Ratio से क्या पता चलता हैं , इत्यादि , तो चलिए शुरू करतें हैं :-
Long term Debt to Capitalization Ratio क्या हैं ?
Long term Debt to Capitalization Ratio एक मह्त्वपूर्ण Financial metric होने के साथ-साथ एक मह्त्वपूर्ण Capitalization Ratio हैं , जो हमे किसी कंपनी के Capital Structure के बारें में बताता हैं , की कंपनी कंपनी लम्बी अवधि के दौरान कितने financial leverage का उपयोग कर रही हैं |
मुख्य रूप से किसी कंपनी के पास Funds जुटाने के दो रास्तें होते हैं , 1) Equity 2) Debt
जिसके अपने-अपने फायदे , और अपने-अपने नुक्सान हैं | अब जैसा की हम जानतें हैं , की Debt के माध्यम से जुटाया गया पैसा , Equity की तुलना में कम Cost of Capital की मांग करता हैं , लेकिन इसी के साथ इसमें Risk काफी बढ़ जाता हैं ,
क्योंकि अगर किसी कारण कंपनी की sales में कमी आ जाती हैं , तो भी कंपनी को एक तय दर के साथ ब्याज का भुगतान तो करना ही होगा |
बजाय इसके , अगर कंपनी Equity के माध्यम से पैसा जुटाती हैं , तो इसमें Debt की तुलना में Cost of Capital तो ज्यादा होती हैं , लेकिन इसमें Risk काफी कम होता हैं |
इसलिए जरुरी हैं , की कंपनी अपने Capital Structure को Balance रखें , और Financial leverage का उपयुक्त मात्रा में उपयोग करें |
Long term Debt to Capitalization Ratio का पता लगाने के लिए long term debt को , कंपनी की capital से compare किया जाता हैं , तथा यह पता लगाया जाता हैं , की कंपनी अपनी equity की तुलना में कितने debt का उपयोग कर रही हैं |
जितना ज्यादा यह ratio होगा , उतनी ही ज्यादा कंपनी risky मानी जायेगी , जो की आगे जाकर , कंपनी को दिवालिया भी कर सकता हैं |
बजाय इसके की , अगर यह ratio कम हैं , तो इसका मतलब हैं , कंपनी के पास debt की तुलना में equity ज्यादा हैं , जिसका मतलब हैं , कंपनी का capital structure balance हैं |
Long term Debt to Capitalization Ratio Formula
यहाँ पर long term debt से अर्थ हैं , किसी कंपनी द्वारा लम्बी अवधि के लिए लिया गया कर्ज , जो की विभिन्न माध्यमों से जैसे ( Banknote , Debentures , Bonds ) से जुटाया जा सकता हैं |
जबकि Denominator मैं दिए गएँ capital से अर्थ हैं , ( long term debt + shareholders equity ).
Long term Debt to Capitalization Ratio Example
मान लीजिये कोई XYZ कंपनी हैं , जिसके पास long term debt 7,00,000 रु , और Shareholders equity रु 4,00,000 हैं , इस प्रकार कंपनी XYZ के लिए यह ratio हुआ ,
Long term Debt to Capitalization Ratio = 7,00,000 / ( 7,00,000 + 4,00,000 )
= 64 %
आप देख सकतें हैं , कंपनी XYZ के लिए , यह ratio 64 % हैं , जिसका मतलब हैं , कंपनी अपनी capital का 64 % हिस्सा long term debt के जरिये जुटा रही हैं , जो की एक अच्छा संकेत नहीं हैं |
Long term Debt to Capitalization Ratio का उपयोग कैसे करें ?
Long term Debt to Capitalization Ratio एक मह्त्वपूर्ण financial metric हैं , जिसका उपयोग अन्य capitalization ratios की तरह ही किया जा सकता हैं |
Generally , Retail और Services Industry की तुलना में Capital Intensive Industry ( Oil & Gas , Telecom ) इत्यादि , कंपनियों में यह ratio ज्यादा देखने को मिलता हैं |
इसलिए जब भी आप , किसी कंपनी के लिए Long term Debt to Capitalization Ratio का उपयोग करें , तो उसे same sector की कंपनियों के साथ जरूर compare करें , क्योंकि हर Industry की कंपनी का capital structure अलग होता हैं |
उम्मीद करतें हैं , इस पोस्ट के माध्यम से दी गयी जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी , अगर आपके पास इस पोस्ट से जुड़े अभी भी कोई सवाल हैं , तो उसे आप हमसे निचे दिए गएँ comment section पूंछ सकतें हैं |
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