नमस्कार दोस्तों , आज के इस article में हम Retained Earnings के बारें में जानने वाले हैं , जैसे Retained Earnings क्या होती हैं , कोई कंपनी अपने पास Retained Earnings क्यों रखती हैं , Retained Earnings की entry कहाँ की जाती हैं , इत्यादि | तो चलिए शुरू करतें हैं –
Retained Earnings क्या होती हैं ?
कोई कंपनी जब अपने वित्तीय वर्ष के दौरान मुनाफा कमाती हैं , तो शेयरहोल्डर्स को डिविडेंड देने के बाद या डिविडेंड दिए बिना अपने मुनाफे का कुछ हिस्सा future growth के लिए वो अपने पास बचा के रख लेती हैं | Profit के इस हिस्से को Retained Earnings कहा जाता हैं | इस मुनाफे को प्रतिवर्ष Reserve & Surplus में जोड़कर दिखाया जाता हैं |
आमतौर पर कंपनियां Retained Earning का उपयोग future growth के लिए करती हैं , जैसे Research & development के लिए , Fixed assets purchase करने के लिए , या कोई New project शुरू करने के लिए , इत्यादि |
ध्यान दें , किसी कंपनी के पास Retained Earnings का होना ज्यादा profit को नहीं , बल्कि कम्पनियाँ उस profit का किस तरह उपयोग कर रही हैं , इसे दर्शाता हैं |
कम्पनियाँ अपने पास Retained Earnings क्यों रखती हैं ?
जैसा की हमने जाना , की Retained Earnings वो होती हैं जब कम्पनियाँ future growth के लिए अपने profit का कुछ हिस्सा बचाकर अपने पास रख लेती हैं आमतौर पर कम्पनियाँ Retained Earnings का उपयोग कई तरह से कर सकती हैं , जिसमे शामिल हैं –
1. कोई कंपनी जब operate करती हैं , तब उसे operations run करने के लिए पर्याप्त मात्रा में working capital की जरूरत पड़ती हैं | जब कंपनियों के पास working capital की कमी होती हैं , तो कम्पनियाँ Retained earnings के माध्यम से अपनी working capital की कमी को पूरा करा सकती हैं |
2. Fixed Assets जैसे plant & machinery , vehicles , land इत्यादि चीजों को purchase के लिए भी Retained earnings का उपयोग किया जाता हैं |
3. Research & Development के लिए
4. Business को expand करने के लिए , जैसे किसी नए project पर काम करने तथा किसी existing project में funds की कमी को पूरा करने के लिए |
5. “Bonus share” issue करने के लिए – आमतौर पर जब कम्पनियाँ cash dividend देती हैं , तो cash कंपनी के बाहर जाता हैं , जबकि बोनस शेयर issue करने में कंपनी का cash कंपनी के पास ही रहता हैं | इससे शेयरहोल्डर्स को reward मिलने के साथ-साथ कंपनी का share capital भी बढ़ता हैं |
Retained Earnings Formula
RE – Retained Earnings
किसी भी कंपनी की Retained Earnings calculate करने के लिए Current Retained earnings में से उस वर्ष के profit / loss को add किया जाता हैं | इसके अलावा यदि कंपनी ने अपने शेयरहोल्डर्स को डिविडेंड दिया हैं , तो उसे भी घटाया जाता हैं |
यहाँ पर current retained earnings का अर्थ हैं , वर्ष की शुरुआत में Retained Earnings का opening balance , जबकि profit / loss मौजूदा वर्ष का लिया गया हैं | चलिए इसे एक उदहारण की साहयता से समझतें हैं –
Retained Earnings Example
मान लीजिये कोई XYZ कंपनी हैं , जो की वित्तीय वर्ष 2015 के अंत में 1,00,000 रु का मुनाफा कमाती हैं , हालाँकि कंपनी growth करना चाहती हैं , इसलिए कंपनी शेयरहोल्डर्स को डिविडेंड दिए बिना इस मुनाफे को future growth के लिए अपने पास रख लेती हैं | तो इस वर्ष की Retained Earnings हुई –
Retained Earnings = Current Retained Earnings + Profit / Loss − Dividend
= 0 + 1,00,000 +0
= 1,00,000
Cash Dividend का Retained Earnings पर क्या प्रभाव पड़ता हैं
चलिए इसे समझने के लिए पिछले उदहारण को ही लेते हैं , मान लीजिये कंपनी वर्ष 2016 के अंत में 1,20,000 रु का मुनाफा कमाती हैं , जिसमे से 40,000 रु का कंपनी अपने शेयरहोल्डर्स को dividend distribute करती हैं , तो अब कंपनी की Retained Earnings कुछ इस प्रकार होगी –
Beginning balance of Retained earnings = 1,00,000
Profit for the year = 1,20,000
Dividend distribute = 40,000
Retained Earnings = Current Retained Earnings + Profit / Loss − Dividend
= 1,00,000 + 1,20,000 − 40,000
= 1,80,000
Retained Earnings की entry Balance sheet में कहाँ की जाती हैं ?
Retained Earnings की entry Balance sheet में सीधे तौर पर नहीं की जाती , बल्कि इसे आप किसी भी कंपनी की balance sheet में Equity & Liabilities के Head में दिए गएँ Reserve & surplus या Other Equity section के financial notes में देख सकतें हैं |
उदहारण के लिए , निचे दी गयी Godrej consumer products की Balance sheet में आप इसे देख सकतें हैं | यहाँ इसे Highlight करके दिखाया गया हैं |
Retained Earnings किस कारण से Negative हो सकती हैं
जब कम्पनियाँ किसी वित्तीय वर्ष के दौरान मुनाफा कमाती हैं , तो उसमे से Dividend distribution को घटाकर previous Retained Earnings में add किया जाता हैं , जिससे Retained Earnings बढ़ती हैं | बजाय इसके अगर कंपनी को किसी वित्तीय वर्ष नुक्सान होता हैं , तो उसे भी Retained Earnings में से घटाया जाता हैं |
अगर loss Previous Retained Earnings की तुलना में बड़ा हो या कंपनी को पिछले 4-5 वर्षों से नुक्सान हो रहा हो , तो इस वजह से Retained Earnings negative आ सकती हैं |
Negative Retained Earnings का क्या मतलब हैं ?
Negative Retained Earnings का मतलब हैं , या तो कंपनियों को पिछले 4-5 वर्षों से नुक्सान हो रहा हैं , या तो कम्पनियाँ अपने previous retained earnings की तुलना में ज्यादा dividend distribute कर रही हैं |
Negative Retained Earnings का होना किसी भी कंपनी के लिए अच्छा संकेत नहीं माना जाता | यह shareholders equity काम करने के साथ-साथ , कंपनी के दिवालिया होने के खतरे को भी बढ़ाता हैं |
उम्मीद करतें हैं , इस पोस्ट के माध्यम से दी गयी जानकारी जैसे ( Retained Earnings क्या हैं , Retained Earnings formula , Retained Earnings example ) इत्यादि , आपके लिए उपयोगी साबित होगी |
अगर आपके पास इस पोस्ट से जुड़े अभी भी कोई सवाल हैं , तो उसे आप हमसे निचे दिए गएँ comment section में पूंछ सकतें हैं |