SEBI definition in Hindi | SEBI functions in Hindi

जिस तरह से भारत में banking sector को regulate करने के लिए RBI यानि ( Reserve bank of India ) को अस्तित्व में लाया गया , ठीक उसी प्रकार से Securities market को regulate करने के लिए SEBI को अस्तित्व में लाया गया |

SEBI एक financial market leader है , जो भारतीय पूंजीबाजार के सभी प्रतिभागियों पर अपनी कड़ी निगरानी रखता है , जिसमे stock exchanges , stock broker , companies , sub-broker , merchant banker , under-writter , investor और credit rating agency शामिल हैं |

SEBI न सिर्फ इन पर अपना नियंत्रण रखता हैं , बल्कि भारतीय पूंजीबाजार को सुरक्षित रूप से विकसित करने के लिए बाजार के अलग-अलग प्रतिभागियों के लिए नियम भी बनाता हैं |

 

SEBI Full form

Securities and Exchange board of India

 

Securities market क्या हैं ?

जब किसी कंपनी को अपना विस्तार या कर्ज कम करने के लिए एक लम्बे समय के लिए बड़े amount की जरुरत पड़ती है , तो इन्हे यह amount capital market से financial instruments जैसे equity , bonds , debentures इत्यादि के जरिये लेना पड़ता है , इन्हे आमतौर पर securities कहा जाता है , और जहाँ ये लेन देन किया जाता है उसे securities market कहा जाता है |

 

SEBI का इतिहास

आज हम जिस SEBI को एक capital market leader के रूप में देखतें हैं , असल में शुरुआत से ऐसा कुछ नहीं था |

दरअसल SEBI की स्थापना वर्ष 1988 में की गयी थी , जहाँ पर इसे Non-statutory body का दर्जा दिया गया था | शुरुआत में यह सिर्फ Advisory committee के तौर पर काम करता था , यानि एक watch dog की तरह |

लेकिन 1980 के दशक के बाद लोगों का रुझान बाजार की तरफ काफी बढ़ने लगा , उसी रफ़्तार से बाजार से जुड़े घोटाले भी सामने आने लगे | इसे के चलते भारत सरकार द्वारा 30 जनवरी 1992 को संसद में पारित SEBI Act 1992 के तहत SEBI को एक statutory body का दर्जा दिया गया |

जहाँ पर यह सुनिश्चित किया गया , की SEBI का मुख्य कार्य निवेशकों के हितों की रक्षा करना तथा capital market को सुरक्षित रूप से विकसित करना रहेगा | जिसे बाद में SEBI के उद्देश्यों में शामिल किया गया | SEBI के उद्देश्यों के बारें में आगे हम विस्तार से चर्चा करेंगे –

 

SEBI के वर्तमान अध्यक्ष 2021

वर्तमान में SEBI के अध्यक्ष ” श्री अजय त्यागी “ है , जो 2017 से इस पद को संभाल रहें हैं |

 

SEBI की संगठनात्मक संरचना

  • भारत सरकार द्वारा नियुक्त एक चैयरमेन
  • 2 सदस्य वित्त मंत्रालय के अधिकारी
  • 1 सदस्य भारतीय रिज़र्व बैंक से
  • 5 सदस्य भारत की यूनियन सरकार द्वारा नियुक्त

 

SEBI की स्थापना का उद्देश्य

1980 के दशक के बाद लोगों का रुझान शेयर-बाजार की तरफ काफी बढ़ने लगा , पर जिस हिसाब से ये तेजी देखने को मिली उसी रफ़्तार से शेयर-बाजार से जुड़े घोटाले भी सामने आने लगे , जिसमे हर्षद मेहता scam काफी जाना माना घोटाला हैं , इसके आलावा कंपनियों की तरफ से अनधिकृत प्रीमियम , कीमतों में हेराफेरी , स्टॉक की delivery में देरी और एक्सचेंजों के नियमों का उलंघन जैसे कई घोटाले सामने आने लगे 

जिसके चलते आम निवेशकों के संख्या में भारी गिरावट देखने को मिली | ऐसे में सरकार को capital market को regulate करने के लिए एक regulator की कमी महसूस हुई , जिसके चलते SEBI की स्थापना की गयी |

 

SEBI की शक्तियां

SEBI की शक्तियों को तीन मुख्य भागों में बांटा गया है , जो की इस प्रकार है –

  1. अर्ध-न्यायिक शक्तियां 
  2. कार्यकारी शक्तियां 
  3. विधायी शक्तियां 

 

SEBI की अर्ध-न्यायिक शक्तियां

जब भी शेयर बाजार में किसी तरह का घोटाला या गलत तरीके से की गयी trade जैसी बातें सामने आती हैं , तो ऐसे में SEBI को निर्णय पारित करने की शक्ति दी गयी हैं | इस शक्ति का इस्तेमाल SEBI बाजार में पारदर्शिता , जवाबदेही  , और निष्पक्षता को बनाये रखने के लिए करती हैं |

 

SEBI की कार्यकारी शक्तियां

यदि कोई SEBI द्वारा बनाये गए नियमों का उलंघन करता हैं , तो SEBI को Books of accounts तथा अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेजों की जांच करने की शक्ति हैं , ऐसे में SEBI के पास नियम लागू करने , निर्णय पारित करने और उलंघन करने वाले के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करने का अधिकार भी प्राप्त हैं |

 

SEBI की विधायी शक्तियां

निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए SEBI को उपयुक्त नियम और कानून बनाने की शक्ति प्रदान की गयी है | इसके कुछ Regulations में listed liability , business rules , और disclosure requirements शामिल हैं , इनको दुर्भावना से बचाने के लिए तैयार किया गया है | इन शक्तियों के बावजूद SEBI को Securities tribunal of India और भारत के सर्वोच्च न्यायालय से गुजरना पड़ता हैं |

 

SEBI के उद्देश्य

SEBI के उद्देश्यों में मुख्य रूप से निवेशकों के हितों के रक्षा करना , पूंजीबाजार को विकसित करना और शेयर-बाजार पर नियंत्रण रखने जैसे कई उद्देश्य शामिल हैं , जो की इस प्रकार हैं –

  1. Stock exchanges तथा किसी भी अन्य Securities market के व्यवसाय को अनुशासन में रखना |
  2. निवेशकों के हितों की रक्षा करना तथा उनके विश्वास को प्रतिभूति बाजार पर बनाये रखना |
  3. Mutual funds की सामूहिक निवेश योजनाओं का पंजीकरण करना तथा उनका नियमन करना |
  4. Insider trading पर रोक लगाना |
  5. शेयर-बाजार से जुडी Intermediaries जैसे stock broker , merchant banker , under-writter तथा sub-broker के कार्यों का नियमन करना तथा उन्हें पंजीकृत करना |
  6. प्रतिभूति बाजार से जुड़े अनुचित व्यापार व्यवहारों ( unfair trade practice ) को समाप्त करना |

 

SEBI के कार्य

  1. सुरक्षात्मक कार्य
  2. विकासत्मक कार्य
  3. विनियामक कार्य

 

SEBI के सुरक्षात्मक कार्य

SEBI के सुरक्षात्मक कार्य मुख्य रूप से निवेशकों और पूंजीबाजार से जुड़े अन्य प्रतिभागियों के लिए जाते हैं –

  1. Insider trading पर रोक लगाना |
  2. कीमत में हेराफेरी को रोकना |
  3. प्रतिभूति बाजार से जुडी अनुचित व्यापर व्यवहारों पर रोक लगाना |
  4. निवेशकों में जागरूकता पैदा करना |

 

SEBI के विकासत्मक कार्य

  1. बिचौलियों को प्रशिक्षण देना
  2. IPO के लिए underwritting की प्रक्रिया को वैकल्पिक बनाना |
  3. stock exchanges को बढ़ावा देना |

 

SEBI के विनियामक कार्य

SEBI द्वारा किये जाने वाले कुछ विनियामक कार्य , जिनके द्वारा SEBI प्रतिभूति बाजार से हर व्यापारों पर अपनी कड़ी निगरानी रखता हैं –

  1. Brokers , merchant bankers , तथा corporate के उचित कामकाज के लिए code of conduct तैयार करना |
  2. Brokers , sub-brokers , merchant bankers , तथा share transfer agent का पंजीकरण तथा विनियमन करना |
  3. Mutual funds का पंजीकरण तथा विनियमन करना |
  4. कंपनियों के अधिग्रहण का विनियमन करना |
  5. Credit rating agency का पंजीकरण तथा विनियमन करना |

 

 

 

उम्मीद करतें है इस पोस्ट के माध्यम से दी गयी जानकारी जैसे ( SEBI क्या है , SEBI का इतिहास  , SEBI की शक्तियां तथा SEBI के उद्देश्यों इत्यादि ) आपके लिए उपयोगी साबित होगी |

अगर आपके पास इस पोस्ट से जुड़े अभी भी कोई सवाल है , तो उसे आप हमसे निचे दिए गए comment section में पूंछ सकतें हैं |

 

 

 

 

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