Swing Trading की रणनीतियां | Swing Trading Strategies in Hindi

आज के इस article के जरिये हम Swing Trading की रणनीतियों के बारें में जानेंगे |

दोस्तों , Swing Trading से 5 से 10 % तक मुनाफा आसानी से कमाया जा सकता हैं | आमतौर पर कुछ रणनीतियां हैं , जिन्हे आपको जरूर ध्यान में रखना चाहिए | एक swing trader मुनाफा कमाने के लिए , आमतौर पर इन्ही कुछ रणनीतियों को काम में लाता हैं |

तो चलिए एक-एक करके उन रणनीतियों के बारें में अच्छे से जान लेते हैं , जिसके जरिये आप भी swing trading से अच्छा मुनाफा कमा सकें |

 

Swing Trading की रणनीतियां:-

 

1) Channel Trading –

Channel Trading काफी प्रचलित तरीका हैं , जिसे एक swing trader अक्सर काम में लाता हैं | इस रणनीति को समझने से पहले , हम ये समझ लेते हैं , की आखिरकार Channel trading होती क्या हैं ?

एक Channel trading वो होती हैं , जब price एक लम्बे समय से किसी channel में trade कर रहा होता हैं | यह channel ” upside “ या ” downside “ किसी भी तरफ का हो सकता हैं |

इसमें दो लाइनों का एक slope होता हैं | एक ऊपरी लाइन और दूसरी निचली लाइन | ऊपर वाली लाइन price के लिए Resistance का काम करती हैं , जिससे वो price को ऊपर से resist करती हैं , और निचे वाली लाइन एक Support की तरह काम करती हैं , जहाँ price ” support ” करता हैं |

आमतौर पर एक swing trader निचे वाली support लाइन पर buy करता हैं , यानि long position बनाता हैं , जिसके लिए वो support के आस-पास अपना stoploss लगाता हैं |

वहीँ , ऊपर वाली लाइन के पास sell करता हैं , यानि short करता हैं , जिसके लिए वो Resistance के पास अपना stoploss लगाता हैं |

आमतौर पर एक swing trader इन दोनों लाइनों के बीच बनने वाले swing से मुनाफा कमाता हैं | निचे दिए गए chart में आप देख सकतें हैं , की कैसे price एक channel में trade करतें हुए , नए high और low swing बना रही हैं |

Channel trading
Figure 1

 

2) Support & Resistance –

Support & Resistance काफी प्रचलित तरीका हैं , जिसका इस्तेमाल हर swing trader करता हैं , न सिर्फ swing trader , बल्कि intraday trader , positional trader भी इसका इस्तेमाल करतें हैं |

Support & Resistance ” longer ” और shorter किसी भी time frame पर बनाये जा सकतें हैं , तथा ये horizontal और incline किसी भी form में हो सकतें हैं |

Support & Resistance वहीँ बनायें जातें हैं , जहाँ price “Maximum no. of times” support और resistance face करती हैं , यानि की Support & Resistance वहीँ होतें हैं , जहाँ पर ज्यादा खरीददारी और बिक्री की जाती हैं |

एक swing trader इन्ही Support और Resistance के बीच बनने वाले swing से मुनाफा कमाता हैं | एक swing trader को support line के पास किसी particular candle के low का stoploss लगाके , support पर buy करना होता हैं |

वहीँ , दूसरी और Resistance line के पास किसी particular candle के high का stoploss लगाके , resistance पर sell करना होता हैं |

निचे दिए गएँ chart में हमने आपको “Support & Resistance line” draw करके दिखाई हैं | आप देख सकतें हैं , price किस तरह ऊपर-निचे Support & Resistance face कर रही हैं |

Support & Resistance
Figure 2

 

3) 10 SMA और 20 SMA –

SMA यानि Simple Moving Average भी आपकी trade को confirm करने में मह्त्वपूर्ण भूमिका निभातें हैं |

आमतौर पर , जब 10 दिन का SMA  ,  20 दिन के SMA से ऊपर रहता हैं , तो यह एक Buy signal माना जाता हैं | आप यहाँ long position ले सकतें हैं |

इसके अलावा , अगर 10 दिन का SMA ,  20 दिन के SMA से निचे रहता हैं , तो यह Sell signal माना जाता हैं | यहाँ पर आप short position ले सकतें हैं |

इसके पीछे का कारण यह हैं , की पहले scenario में जब आपने buy किया , तब पिछले 10 दिनों का Average price पिछले 20 दिनों के Average price से ऊपर था | और इसके विपरीत दूसरे scenario में जब आपने short position ली , तब पिछले 10 दिनों का Average price , पिछले 20 दिनों के Average price से निचे था |

ये काफी बेहतरीन Signal देतें हैं , जिसका इस्तेमाल आप अपनी trade को confirm करने के लिए कर सकतें हैं , लेकिन यहाँ पर ध्यान देने वाली बात यह हैं , की जितने कम time frame पर आप इन्हे लगाएंगे , उतने ही ज्यादा ये volatile होंगे , और ज्यादा signal देंगे | जिसमे से कुछ गलत भी हो सकतें हैं , और कुछ सही भी |

बजाय इसके , अगर आप लम्बे time frame पर इन्हे लगाएंगे , तो उतने ही कम signal मिलेंगे , लेकिन उनकी accuracy छोटे time frame की तुलना में उतनी ही ज्यादा होगी |

 

4) MACD –

MACD यानि ( Moving Average Conversion Diversion ) . यह एक तरह का Lagging indicator हैं , जिसका इस्तेमाल trade confirmation के तौर पर किया जाता हैं | इसमें दो लाइनें होती हैं , पहली MACD Line और दूसरी Signal Line .

अगर MACD line “Signal line” को निचे से ऊपर की तरफ cross over करती हैं , तो यह Buy signal माना जाता हैं | वहीँ दूसरी और , अगर MACD line “Signal line” को ऊपर से निचे की तरफ cross करती हैं , तो यह एक sell signal माना जाता हैं | आप इसके मुताबिक़ अपनी position ले सकतें हैं |

लेकिन , जैसा की हमने बताया , की MACD एक lagging indicator हैं | यह आपको घटना घटने के बाद सूचित करता हैं , लेकिन इसका सबसे बड़ा फायदा यह हैं , की इसकी साहयता से आप बड़े नुक्सान से बच सकतें हैं , और किसी भी बड़ी Rally का हिस्सा बन सकतें हैं |

Position लेने के लिए , सिर्फ MACD का इस्तेमाल करना ठीक नहीं रहेगा , बल्कि इसके लिए आप कई और parameters पर अपनी analysis को उतार सकतें हैं | इसका इस्तेमाल , आमतौर पर trade confirmation के तौर पर किया जाता हैं |

 

5) Fibonacci Retracement –

Fibonacci Retracement अन्य Indicator की तरह कोई Indicator नहीं हैं , बल्कि यह एक tool हैं | इसका इस्तेमाल आमतौर पर Price Reversal और Support & Resistance का पता लगाने के लिए किया जाता हैं |

इसमें कुछ Ratios निर्धारित किये गएँ हैं | जहाँ से अक्सर एक price reversal देखने को मिलता हैं , जैसे 23.6 % , 38.2 % , 61.8 % , 78.6 % , इसके अलावा 50 % को भी अपना price reversal point बना सकता हैं |

Fibonacci Retracement लगाने के लिए , इसे price के एक नए high और नए low से जोड़ना पड़ता हैं | इसे जोड़ने के बाद आप साफ़ तौर पर पता लगा सकतें हैं , की price का अगला reversal point कौन सा होगा |

Fibonacci Retracement का इस्तेमाल , न सिर्फ Retracement , बल्कि Extension के लिए भी किया जाता हैं | Fibonacci Retracement एक Important tool हैं , जो आपके decision को strong करने के साथ-साथ , आपकी trade को confirm करता हैं , बर्शते इसके लिए इसकी लगातार practice करना जरुरी हैं |

 

 

 

 

 

 

उम्मीद करतें हैं , इस पोस्ट के माध्यम से दी गयी जानकारी जैसे ( Swing Trading की रणनीतियां ) , आपके लिए उपयोगी साबित होगी |

अगर आपके पास इस पोस्ट से जुड़े अभी भी कोई सवाल हैं , तो उसे आप हमसे निचे दिए गएँ comment section में पूंछ सकतें हैं |

 

 

 

 

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