नमस्कार दोस्तों , आज के इस article में हम Assets Coverage Ratio के बारें में जानने वाले हैं , जैसे Assets Coverage Ratio क्या हैं , Assets Coverage Ratio Formula , Assets Coverage Ratio Example तथा Assets Coverage Ratio से क्या पता चलता हैं ? इत्यादि|
इससे पहले हम कई Solvency Ratio पर चर्चा कर चुकें हैं , जैसे Debt Ratio क्या है , Debt to Equity Ratio क्या हैं , Interest Coverage Ratio क्या है , इत्यादि |
अगर आप इनके बारें में और ज्यादा जानना चाहतें हैं , तो आप link पर click करके पोस्ट को पढ़ सकतें हैं :-
Assets Coverage Ratio क्या हैं ?
Assets Coverage Ratio एक Financial metric होने के साथ-साथ एक Solvency Ratio हैं |
Assets Coverage Ratio से हमे पता चलता हैं , की कोई कंपनी अपनी सारी संपत्ति यानि ( Total Tangible Assets ) को बेचकर , अपने debt की कितने times payment कर सकती हैं |
साधारण शब्दों में कहें तो ,
Assets Coverage Ratio हमे बताता हैं , की अगर किसी कारण विषम परिस्थिति में कंपनी की Earnings negative हो जाती हैं , तो क्या वो कंपनी , अपनी सारी संपत्ति बेचकर , उसके द्वारा लिए गए कर्ज यानि ( Debt ) का भुगतान कर सकती हैं , या नहीं !
उदहारण के तौर पर ,
अगर किसी कंपनी का Assets Coverage Ratio 4 times हैं , तो इसका मतलब हैं , कंपनी को अपनी सारी sell करनी पड़ जाए , तो वो अपने debt को 4 बार pay कर सकती हैं |
ध्यान दें , किसी भी कंपनी के लिए Assets Coverage Ratio हमेशा times में निकाला जाता हैं |
किसी भी कंपनी के लिए Assets Coverage Ratio निकालने के लिए किन-किन चीजों की जरुरत पड़ती हैं , चलिए इसे फॉर्मूले के द्वारा समझतें है :-
Assets Coverage Ratio Formula
where,
C.L – Current Liabilities
Assets Coverage Ratio निकालने के लिए Total Assets को Total Debt से divide किया जाता हैं |
यहाँ पर Total Assets से अर्थ हैं , Tangible Assets यानी वो संपत्ति जिसे आसानी से value और sell किया जा सकता हैं |
इसलिए ऊपर दिए गए फॉर्मूले में Total Assets में से Intangible Assets जैसे ( Goodwill , Patent , Trademark , Copyright , इत्यादि ) को घटाया जाता हैं , क्योंकि Intangible Assets की value और sell कर पाना आसान नहीं होता |
इसके बाद इसमें से Current Liabilities को घटाया जाता हैं , जिनकी payment कंपनी को एक वर्ष के भीतर करनी हैं , जैसे Accounts Payable इत्यादि |
ध्यान दें ,
Current Liabilities में short term debt को शामिल नहीं किया जाता |
इस प्रकार घटाने के बाद , जो Assets की value निकलकर आती हैं , वो tangible assets की value ही बचती हैं , जैसे ( Inventory , Plant & Machinery , Account Receivables , इत्यादि ) जिसे कंपनी के Total debt से divide किया जाता हैं |
इस प्रकार आप इस फॉर्मूले का भी उपयोग कर सकतें हैं ,
Tangible Assets – ( Current Liabilities – Short term debt ) / Total Debt
यहाँ पर Total debt से अर्थ हैं , ( Long term debt + Short term debt )
किसी कंपनी के लिए Assets Coverage Ratio आप कैसे पता कर सकतें हैं , चलिए इसे एक उदहारण की साहयता से समझतें हैं –
Assets Coverage Ratio Formula
मान लीजिये कोई XYZ कंपनी हैं , जिसके पास सम्पत्तियाँ और देनदारियां इस प्रकार हैं –
Assets-
Cash – 4,00,000
Accounts Receivable – 2,00,000
Inventory – 1,00,000
Plant & Machinery – 15,00,000
Intangible Assets – 2,00,000
Liabilities-
Total Current Liabilities – 4,00,000
Short term debt – 2,00,000
Long term debt – 8,00,000
इस प्रकार कंपनी XYZ के लिए Assets Coverage Ratio हुआ –
इसके लिए पहले हमे कंपनी के Total Assets को निकालना होगा ,
Total Assets = ( 4,00,000 + 2,00,000 + 1,00,000 + 15,00,000 + 2,00,000 )
= 24,00,000
Intangible Assets हैं , 2,00,000
दूसरी और ,
कंपनी के पास Current Liabilities हैं , 4,00,000
इस प्रकार ,
= [( 24,00,000 – 2,00,000 ) – ( 4,00,000 – 2,00,000 )] / ( 2,00,000 + 8,00,000 )
= 2 times
आप देख सकतें हैं , किसी कारण अगर कंपनी XYZ की Earnings negative हो जाती हैं , और उसे अपनी सारी संपत्ति sell करनी पड़ जाती हैं , तो कंपनी XYZ के पास , पर्याप्त मात्रा में ऐसे tangible assets हैं , जिनसे वो अपने कर्ज का 2 बार भुगतान कर सकती हैं |
Assets Coverage Ratio से क्या पता चलता हैं ?
Assets Coverage Ratio एक Solvency Ratio हैं , जो की यह बताता हैं , की अगर किसी कारण विषम परिस्थिति में , कंपनी की earnings negative हो जाती हैं , और उसे अपनी सारी सम्पत्तियाँ sell करनी पड़ जाती हैं , तो ऐसी स्तिथि में क्या कंपनी के पास , पर्याप्त मात्रा में ऐसे tangible assets हैं , जिन्हे sell करके , कंपनी अपने debt obligations को आसानी से पूरा कर सकें |
इस ratio का उपयोग ज्यादातर Creditors और Lenders द्वारा किया जाता हैं , तथा इसे एक अंतिम उपाय के तौर पर देखा जाता हैं |
जाहिर सी बात हैं , ज्यादा tangible assets का होना , या इसके विपरीत कम debt का होना , उस कंपनी के financially strong होने के बारें में बताता हैं |
Generally , Assets Coverage Ratio का उपयोग Capital Intensive Industry की कंपनियों जैसे ( Oil & Gas , Telecom , इत्यादि ) क्षेत्रों में किया जाता हैं |
क्योंकि इस तरह की कंपनियों में ज्यादा tangible assets होती हैं , और large amount में capital को invest करना पड़ता हैं |
इसलिए जब भी आप , किसी कंपनी के लिए Assets Coverage Ratio पता करें , तो same industry की कंपनियों के साथ जरूर compare करें |
उम्मीद करतें हैं , इस पोस्ट के माध्यम से दी गयी जानकारी , आपके लिए उपयोगी साबित होगी , अगर आपके पास इस पोस्ट से जुड़े अभी भी कोई सवाल हैं , तो उसे आप हमसे निचे दिए गएँ comment section में पूंछ सकतें हैं |
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