Contingent Liabilities क्या होती हैं | Contingent liabilities types in Hindi

नमस्कार दोस्तों , आज के इस article में हम Contingent liability के बारें में जानने वाले हैं , जैसे Contingent liabilities क्या होती हैं , यह कितने प्रकार की होती हैं , इत्यादि | इन सभी को उदहारण सहित आसान और सरल भाषा में आज हम समझने वाले हैं , तो चलिए शुरू करतें हैं –

 

Contingent Liabilities क्या होती हैं ?

Contingent liabilities का अर्थ हैं , आकस्मिक देयताएँ , यानि संभावित देयताएँ |  ये वो liabilities होती हैं , जो किसी future event पर निर्भर करती हैं , साथ ही इन पर कंपनी का कोई control नहीं होता | यानि ये ऐसी liabilities होती हैं , जो वतमान समय में तो नहीं हैं , लेकिन भविष्य में ये liabilities बन सकती हैं | चलिए इसे एक उदहारण की साहयता से समझतें हैं –

 

Contingent Liabilities example in hindi

मान लीजिये एक XYZ smartphone manufacturing company हैं , जो की अपने product quality के लिए जानी जाती हैं | ऐसे में कंपनी अपने द्वारा बनाये गये सभी models पर एक वर्ष की गारंटी देती हैं , जिसमे product की free of cost repairing और parts replacement शामिल है |

अब ऐसे में , अगर कंपनी द्वारा बनाये गये smartphone में एक वर्ष के भीतर कोई खराबी आती हैं , तो यह कंपनी के लिए एक contingent liability होगी , बजाय इसके अगर कोई खराबी नहीं आती हैं , तो कपनी पर कोई liability नहीं होगी |

कंपनी पर कोई liability होगी या नहीं होगी | यह निर्भर करता है , future में होने वाले event पर | इसलिए product guarantee कंपनी के लिए एक contingent liabilities के तौर पर जानी जाएगी | 

 

Contingent Liabilities कितने प्रकार की होती हैं ? 

Contingent liabilities को भविष्य में उत्पन्न होने के आधार पर तीन भागों में बांटा जा सकता हैं –

1. Probable

ये आमतौर पर संभावित liabilities होती हैं , जिनमे loss of amount का आसानी से पता लगाया जा सकता हैं | इनके liabilities बनने की संभावना 50 प्रतिशत से अधिक होती हैं , जिस वजह से इसे Financial statements के liabilities section में दर्शाया जाता हैं |

 

2. Possible

ये वो liabilities होती हैं , जिनके भविष्य में उत्पन्न होने की संभावना तो अधिक रहती हैं , पर इस तरह की liabilities में loss of amount का आसानी से पता नहीं लगाया जा सकता

सरल भाषा में कहें तो , Probable liabilities की तुलना में possible liabilities के भविष्य में उत्पन्न होने की संभावना 50 प्रतिशत से कम ही होती हैं , जिस वजह से इसे Financial statements के footnotes में दर्शाया जाता हैं |

 

3. Remote

इस तरह की liabilities में loss of amount काफी छोटा होता हैं , साथ ही इनकी liabilities बनने की संभावना भी काफी कम होती हैं | जिस वजह से न ही तो इन्हे financial notes में दर्शाया जाता और , न ही footnotes में दर्शाया जाता |

 

 

 

उम्मीद करतें हैं , इस पोस्ट के माध्यम से दी गयी जानकारी जैसे ( Contingent liabilities क्या होती हैं तथा यह कितने प्रकार की होती हैं ) इत्यादि | आपके लिए उपयोगी साबित होगी |

अगर आपके पास इस पोस्ट से जुड़े अभी भी कोई सवाल हैं , तो उसे आप हमसे नीचे दिए गये comment section में पूंछ सकतें हैं |

 

 

 

 

 

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