Cost of Capital का अर्थ हैं ” पूंजी की लागत “
Cost of Capital पूंजी की वह लागत हैं , जिसे कंपनी को Investor और Lenders को उनकी पूंजी के बदले लौटानी हैं , जिसे कंपनी ने अपने Business operations को finance करने के लिए जुटाया हैं |
आप इसे किसी Investor के Point of view से Opportunity cost भी कह सकतें हैं , इसके बारें में आगे हम विस्तार से समझेंगे –
आसान शब्दों में कहें तो ,
Cost of Capital एक minimum rate of return हैं , जिसे कंपनी को source of funds ( Equity shares , preference shares , Debt ) के बदले lenders और Investors को लौटाना पड़ता हैं |
Cost of Capital को समझें
Cost of Capital पूंजी की वह लागत हैं , जिसे Capital Budgeting के संदर्भ में उपयोग किया जाता हैं |
इसे ऐसे समझिए ,
जब कोई कंपनी अपना existing business बढ़ाने , कोई नया business शुरू करने या भविष्य में किसी project पर काम करने के लिए पैसा जुटाती हैं , उसे उस पैसे पर एक particular cost चुकानी पड़ती हैं |
आमतौर पर यह पैसा ( equity shares , preference shares या debt ) के जरिये जुटाया जा सकता हैं |
जब कोई निवेशक किसी business में निवेश करता हैं , तो वहां से वह कुछ expected return की उम्मीद करता हैं | आमतौर पर यह return निवेशकों के लिए opportunity cost गिनी जाती हैं |
ऐसा इसलिए क्योंकि , अगर निवेशक उस particular business में निवेश न करके , अपने उस पैसे को कहीं और निवेश करतें , तो वहां से वो कुछ return प्राप्त कर सकतें थे |
ठीक इसी प्रकार , अगर कंपनी preference shares या debt के जरिये पैसा जुटाती हैं , तो वहां भी कंपनी को एक fixed dividend yield या Interest payment देनी ही होगी |
चलिए अब समझतें हैं ,
Cost of Capital कैसे calculate की जाती हैं ?
किसी कंपनी के capital structure में या debt financing करके पैसा जुटाया जा सकता हैं , या फिर equity financing करके |
बजाय इसके , अगर कंपनी combined source से पैसा जुटाती हैं , तो यहाँ पर cost of capital का पता लगाने के लिए WACC यानि ( weighted average cost of capital ) का उपयोग किया जाता हैं |
WACC कंपनी द्वारा जुटाई गयी उन सभी capital पर लगने वाली cost of capital का average rate प्रदान करता हैं | जिसका मतलब हैं , कंपनी को अपनी overall capital पर एक औसत लागत क्या पड़ने वाली हैं |
WACC के बारें में और ज्यादा जानने के लिए आप हमारी पोस्ट WACC क्या है , इसे पढ़ सकतें हैं |
WACC Formula
Cost of capital का उपयोग , आमतौर पर Discount rate के तौर पर किया जाता हैं | Discount rate वो होता हैं , जिस rate पर project के सभी future cash flow को discounting करके NPV निकाली जाती हैं |
Discount rate से हमे पता चलता हैं , कोई particular proposal भविष्य में profitable होगा या नहीं |
उम्मीद करतें हैं , इस पोस्ट के माध्यम से दी गयी जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी , आपको यह पोस्ट कैसी लगी हमे comment करके जरूर बताएं |