Sensex और Nifty कैसे काम करतें हैं | Sensex and Nifty difference in Hindi

दोस्तों बात जब भी शेयर बाजार की आती है , तो Sensex और Nifty जैसे शब्द आना काफी सामान्य हो जाता है | रोजाना हम आयी खबरों के द्वारा सुनते हैं , चाहे वो newspaper हो या news channel , की Sensex और Nifty ने अपने record स्तर को छुआ , जिससे निवेशकों को भारी मुनाफा हुआ या Sensex और Nifty में गिरावट आयी , जिससे निवेशकों को भारी नुक्सान उठाना पड़ा |

ऐसे में ये समझना बहुत जरुरी हो जाता है , की आखिरकार ये Sensex और Nifty काम कैसे करतें हैं , जिससे इतने लोगों का फायदा और नुक्सान जुड़ा हुआ हैं , तो आज के इस article में हम इन्ही सब चीजों के बारें में जानेंगे , लेकिन उससे पहले हमे समझना होगा , Sensex और Nifty है क्या , तो चलिए जानते है –

 

SENSEX और NIFTY क्या हैं ?

Sensex और Nifty -50  NSE और BSE के Benchmark Index हैं , जहाँ पर Sensex में बाजार पूंजीकरण के हिसाब से Top 30 कम्पनियाँ शामिल की जाती हैं , वहीँ Nifty 50 में बाजार पूंजीकरण के हिसाब से Top 50 कंपनियों का समावेश होता है |

आमतौर पर ये Major Index उन कंपनियों में आयी गिरावट या बढ़ोतरी को दर्ज करतें हैं , और बाजार का एक Overall Overview प्रदर्शित करतें हैं , की बाजार में तेजी का दौर है या मंदी का |

 

SENSEX और NIFTY कैसे काम करतें है ?

दरअसल Sensex और Nifty शेयर-बाजार के Major Index हैं , ये न सिर्फ बाजार में चल रही तेजी और मंदी के और के बारें में बताते हैं बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था का अनुमानित प्रदर्शन भी करतें हैं , ऐसा इसलिए क्योंकि Sensex और Nifty में सिर्फ उन्ही कंपनियों को शामिल किया जाता हैं , जो बाजार पूंजीकरण के हिसाब से अपनी Industry में दिग्गज कम्पनियाँ होती हैं |

इनकी बाजार में अच्छी पकड़ होती हैं तथा इनकी वित्तीय स्थिति मजबूत होती हैं , इन्हे Blue chip company भी कहा जाता हैं | आमतौर ये इन कंपनियों आयी गिरावट या बढ़ोतरी को दर्ज करते हैं और एक Average value show करते हैं |

Sensex और Nifty शेयर-बाजार में एक Barometer की तरह काम करते हैं | इनकी साहयता से सिर्फ इन Index को देखकर बाजार में तेजी और मंदी के दौर के बारे में पता लगाया जा सकता है |

अब सवाल ये आता है , ये Sensex और Nifty गिरतें क्यों हैं ? तो इसका जवाब बहुत ही सरल  हैं , पहले ये बाजार में होने वाली घटनाओं को Observe करतें है , और फिर उन्ही घटनाओं के अनुसार प्रतिक्रिया करतें हैं |

मान लीजिये इस वर्ष pharma industry की growth होने वाली हैं , तो इससे pharma industry के stocks में तेजी आएगी , जिसका सीधा असर index पर पड़ेगा , जिस वजह से ये index भी बढ़ना शुरू कर देंगे |

अब ऐसा जरुरी नहीं , की Sensex और Nifty में शामिल सभी कंपनियों के stocks में गिरावट आये , तभी ये गिरेगा या बढ़ोतरी आये , तभी ये बढ़ेगा , बल्कि ये निर्भर करता हैं कंपनियों के Weightage पर , यानि कौन सी कंपनी  Index में कितना weightage रखती हैं |

 

SENSEX और NIFTY में अंतर

Sensex और Nifty दोनों ही stock market के Major Index हैं , और दोनों का एक ही काम है बाजार की दिशा और दशा का पता लगाना | इस सबके बावजूद इनमे कुछ असमानताएं है , जो इन्हे एक दूसरे से अलग बनती हैं , चलिए उन्हें समझतें हैं –

1. Nifty 50 में NSE की Top 50 कम्पनियाँ शामिल हैं , जबकि Sensex में BSE की Top 30 कम्पनियाँ शामिल हैं , जिस वजह से Nifty “Sensex” की तुलना में अधिक Diversified हैं |

2. Nifty 50  “National stock exchange” का सूचकांक हैं , जबकि Sensex “Bombay stock exchange” का सूचकांक हैं |

3. Nifty 50  में 14 अलग-अलग sector की कंपनियों को चुना जाता हैं , जबकि Sensex में 13 अलग-अलग sector की कंपनियों को चुना जाता हैं |

4. Nifty 50 की Base value 1000 है , जबकि Sensex की Base value 100 तय की गयी हैं ( आपकी जानकारी के लिए बता दें , Base value का इस्तेमाल Nifty और Sensex की calculation के लिए किया जाता हैं ) |

5. Sensex 1 जनवरी 1986 को पेश किया गया था , जबकि Nifty 50 सन 1994 में पेश किया गया था |

 

 

उम्मीद करतें हैं , इस पोस्ट के माध्यम से दी गयी जानकारी जैसे ( Sensex और Nifty क्या हैं , Sensex और Nifty कैसे काम करतें हैं तथा Sensex और Nifty में अंतर ) आपके लिए उपयोगी साबित होगी |

अगर आपके पास इस पोस्ट से जुड़े अभी भी कोई सवाल है , तो उसे आप हमसे निचे दिए गये comment section में पूंछ सकतें हैं |

 

 

 

 

 

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