What is Dividend in Hindi | Meaning of Dividend in Hindi | Types of Dividend in Hindi

शेयर बाजार में मौजूद किसी भी कंपनी से ज्यादा मुनाफा तभी कमाया जा सकता है , जब Capital appreciation के साथ-साथ एक अच्छा और लगातार dividend भी मिलता रहे , इसलिए आज के इस article में हम देखेंगे – DIVIDEND क्या है , और यह क्यों दिया जाता है ?

 

DIVIDEND का अर्थ –

DIVIDEND का हिंदी अर्थ है – लाभांश , यानि लाभांश का एक अंश | आसान भाषा में कहें तो कंपनियों को प्रतिवर्ष होने वाले मुनाफे का एक हिस्सा |

 

DIVIDEND क्या है ?

DIVIDEND कंपनियों की तरफ से दिया जाने वाला उनके लाभ का एक हिस्सा एक होता है | कंपनियों को जो प्रतिवर्ष Revnue generate होता है, उसमे से सभी तरह के खर्चे जैसे Operating expences , interest payment , और Tax घटाने के बाद जो Net profit बचता है , उसे कंपनी के शेयरहोल्डर्स में बाँट दिया जाता है , इसे ऐसे समझिये –

मान लीजिये आपके पास XYZ कंपनी के 100 शेयर्स है , यदि कंपनी 10 रु प्रति शेयर का dividend देती है , तो ऐसे में आपको मिलने वाला कुल dividend होगा  100×10 = 1000

 

DIVIDEND क्यों दिया जाता है ?

आमतौर पर जब कोई कंपनी अपने व्यापार का काफी विस्तार कर लेती है , तो उस कंपनी के पास बाकि छोटी कंपनियों की तुलना में Growth opportunity कम रह जाती है , तो ऐसे में कंपनी अपने मुनाफे का कुछ हिस्सा अपने शेयरहोल्डर्स को देना पसंद करती है , इससे कंपनी के शेयरहोल्डर्स का भरोसा कंपनी पर बना रहता है |

आमतौर पर Large cap. और Mid cap. कम्पनियाँ ही अपने शेयरहोल्डर्स को डिविडेंड देना पसंद करती है | ध्यान दें , Dividend देना या नहीं इसका निर्णय कम्पनी के Board of Directors द्वारा AGM यानि ( Annual General meeting ) में लिया जाता है |

आमतौर पर Dividend न देने का कारण यही माना जाता है , की कम्पनियाँ अपने profit को अपने business में reinvest करना चाहती है , जिससे उनका business grow करें, और शेयरहोल्डर्स को Capital appreciation के जरिये फायदा पहुंचे |

भारतीय शेयर बाजार में मौजूद छोटी या नई कम्पनियाँ अक्सर अपने शेयरहोल्डर्स को डिविडेंड देने के बजाय अपने profit को बिज़नेस reinvest करना बेहतर समझती है |

DIVIDEND कितने प्रकार का होता हैं ?

आमतौर पर कम्पनियाँ, अपने शेयरहोल्डर्स को डिविडेंड कई तरह से दे सकती है जैसे  :-

  1. Cash dividend
  2. Stock dividend
  3. Property dividend
  4. scrip dividend
  5. Liquidating dividend

लेक़िन सामान्यतौर पर कम्पनियाँ  cash dividend ही देना पसंद करती है , cash dividend दो प्रकार का होता है :-

  1. INTERIM DIVIDEND – Interim dividend हमेशा वित्तीय वर्ष के बीच में , यानि Quarterly नतीजों के बाद दिया जाता है , कुछ बड़ी कम्पनियाँ इस प्रकार से भी डिविडेंड देती है |
  2. FINAL DIVIDEND – Final dividend हमेशा वित्तीय वर्ष ख़त्म होने पर ही दिया जाता है | शेयर बाजार में मौजूद ज्यादातर कम्पनियाँ वित्तीय वर्ष के अंत में ही डिविडेंड देती है |

 

DIVIDEND का calculation कैसे किया जाता है ?

आमतौर पर जब भी कोई कंपनी 50% , 100% या 200% dividend declare करती है , तो इसका मतलब साफ होता है , की कंपनी शेयर की Face value पर डिविडेंड देने वाली है , यहाँ पर ध्यान देने वाली बात यह है की डिविडेंड हमेशा शेयर की face value पर ही दिया जाता है , न की शेयर की market price पर | इसका share price से कोई लेना देना नहीं होता |

जैसे अगर कोई कंपनी 100% डिविडेंड देने वाली है , और उसके शेयर की face value 10 रु है , तो इसका मतलब हुआ की कंपनी अपने शेयर की face value का 100% डिविडेंड देने वाली है , चलिए इसे एक उद्हारण की साहयता से समझतें है :-

मान लीजिये एक XYZ कंपनी है , जिसके शेयर की face value 10 रु है और कंपनी 50% का डिविडेंड देने की घोषणा करती है , तो Dividend per Share हुआ  ( 10×50% )= 5 रु

DIVIDEND का भुगतान किस account में किया जाता है ?

Dividend का भुगतान कम्पनियाँ उसी खातें में करती है , जो खाता आपके Dmat a/c से जुड़ा हुआ होता है | मान के चलिए आपके के पास HDFC Bank का Savings a/c है , जो आपके Dmat a/c से linked है | ऐसे में कंपनी की तरफ से किया जाने वाला डिविडेंड का भुगतान आपके HDFC खातें में ही किया जाएगा |

 

DIVIDEND YIELD क्या होती है ?

Dividend yield एक Financial ratio है , जो यह बताता है की कंपनी अपने share price का कितने प्रतिशत डिविडेंड दे रही है | Dividend yield जितना ज्यादा रहता है , निवेशकों को उतना ही फायदा होता है |

मान लीजिये एक XYZ कंपनी है , जिसके शेयर की face value 10 रु है , और share price 300 रु है | अगर कंपनी 100% डिविडेंड declare करती है , तो इसका dividend per share हुआ

( 10×100% ) = 10 रु प्रति शेयर

इस प्रकार इसका Dividend yield होगा –

Dividend yield ratio = dividend per share / share price

( 10 / 300 ) ×100 = 3.33 %

 

DIVIDEND के फायदे –

  1. Dividend एक passive income source है , जिसके लिए आपको extra efforts डालने की जरुरत नहीं पड़ती | एक बार आपने किसी कंपनी के शेयर खरीद लिए , तो डिविडेंड आपको तब तक मिलता रहता है , जब तक आप उन शेयरों को रखें रहतें है |
  2. Dividend एक Tax free income है , जिसपर आपको कोई tax नहीं देना पड़ता , क्योंकि कंपनी सभी तरह के tax भरने के बाद डिविडेंड का भुगतान करती है |
  3. Dividend से मिलने वाली आय का कंपनी के share price पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता |
  4. कई कम्पनियाँ साल में 2 बार डिविडेंड का भुगतान करती है , interim dividend और final dividend के जरिये | इससे आप डिविडेंड से अच्छा मुनाफा कमा सकतें है , बगैर उन कंपनियों के शेयर्स को बेचें |

DIVIDEND के सम्बन्ध में ध्यान रखने वाली बातें –

 

Dividend Announcement date –

यह वो date होती है , जिस दिन कंपनी dividend declare करती है | Dividend देने का निर्णय AGM के दौरान लिया जाता है |

Last Cum Dividend date / Ex Dividend date –

ये date आमतौर पर Record date से दो दिन पहले की होती है , अगर Ex dividend date के बाद शेयर खरीदें जातें है , तो उन शेयरों पर डिविडेंड नहीं दिया जाता | Dividend पाने के लिए Ex dividend date से पहले शेयर खरीदने होतें है | Ex dividend date तक शेयरों को Cum dividend कहा जाता है |

Record date –

यह वो date होती है , जिस दिन कंपनी अपनी books में check करती है , की किन-किन शेयरहोल्डर्स को डिविडेंड देना है , जिस शेयरहोल्डर्स का नाम इस book में दर्ज होता है , उसी को डिविडेंड दिया जाता है | आमतौर पर dividend declaration date और Record date के बीच कम से कम 30 दिनों का अंतर रखा जाता है |

Dividend payout date –

यह वो date होती है , जिस दिन कंपनी अपने शेयरहोल्डर्स को डिविडेंड का भुगतान करती है |

 

DIVIDEND देने वाली कम्पनियाँ कैसे check करें ?

DIVIDEND देने वाली कंपनियों की जानकारी आप Moneycontrol website से या search engine पर सर्च करके भी पता लगा सकते हैं | निचे दिए गए link पर click करके आप उन सभी कंपनियों के बारें में जानकारी पा सकतें है , जो हाल में ही डिविडेंड देने वाली है , देखने के लिए MONEYCONTROL link पर क्लिक करें |

 

DIVIDEND पर कितना Tax लगता है ?

सन 2020 आये Finance bill 194k के तहत , अगर डिविडेंड से मिलने वाली राशि 5000 से अधिक होती है , तो इस पर 10 % की दर से TDS काटा जाता है | यह Dividend income taxable होती है |

 

DIVIDEND के सम्बन्ध में ध्यान रखने वाली बातें –

  1. ध्यान दें , कभी भी ज्यादा dividend yield देखकर किसी कंपनी के शेयर्स न खरीदें , क्योंकि dividend yield तब भी ज्यादा निकलती है , जब कंपनी का share price कम होता है , अगर dividend yield ज्यादा है , तो जरुरी नहीं की कंपनी ज्यादा डिविडेंड दे रही है , हो सकता है की कंपनी के share price में गिरावट आयी हो , और share price कई कारणों से गिर सकती है , इसलिए किसी भी कंपनी के शेयर्स लेने से पहले  उसके fundamentals जरूर check कर लें |
  2. ध्यान दें , अगर आपको कंपनी की तरफ से डिविडेंड लेना है , तो Ex dividend date से पहले शेयर्स खरीदने होंगे | अगर आप इस date के बाद शेयर खरीदतें है , तो आपको डिविडेंड नहीं दिया जाएगा |

 

 

उम्मीद करतें है , इस पोस्ट के माध्यम से दी गयी जानकारी जैसे ( DIVIDEND क्या है , DIVIDEND कितने प्रकार का होता है , DIVIDEND की calculation कैसे की जाती है इत्यादि ) आपके लिए उपयोगी साबित होगी |

अगर आपके पास इस पोस्ट से जुड़े अभी भी कोई सवाल है , तो उसे आप हमसे निचे दिए गए comment section में पूंछ सकतें हैं |

 

 

 

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