आज के इस article में हम देखेंगे Sensex क्या है , और यह Nifty से कैसे अलग हैं ?
दोस्तों आएं दिन हम T.V , News channel और अखबारों में ऐसी ख़बरें सुनते रहतें हैं , की Sensex 300 point बढ़ा , Sensex 400 point बढ़ा या बाजार काफी महंगा है , पर क्या आपने कभी सोचा है की यह कैसे पता लगाया जाता है , की बाजार में तेजी का दौर है या मंदी का |
अगर नहीं तो , कोई बात नहीं आज हम इन्ही सब चीजों के बारें में विस्तार से जानेंगें , जैसे Sensex क्या है , यह कैसे काम करता है , यह कैसे बनता है , और यह कैसे calculate किया जाता है इत्यादि | एकदम सरल और आसान भाषा में |
SENSEX full form
Sensex की कोई full form नहीं होती , बल्कि यह दो शब्दों से मिलकर बना है Sensitive + Index यानि की Sensitive के “Sens” और Index के “Ex” को जोड़कर Sensex बनाया गया है |
SENSEX Meaning in Hindi
Sensex का हिंदी अर्थ है ” संवेदी सूचकांक “ जैसा की हम जानते है , की यह दो शब्दों से मिलकर बना है | यहाँ पर Index का मतलब है सूचकांक | जो की सूचकांक में मौजूद कंपनियों के शेयर्स में गिरावट या बढ़ोतरी की एक Average value show करता है , और Sensitive नाम इसलिए दिया गया है , क्योंकि यह बेहद संवेदनशील हैं , जो की बाजार में होने वाली उठा-पटक से तुरंत प्रभावित हो जाता हैं |
SENSEX क्या हैं ?
Sensex ” Bombay stock exchange ” का एक Benchmark index है , जो की BSE पर listed Top 30 कंपनियों में आयें उतार-चढ़ाव को प्रदर्शित करता है | ये 30 कम्पनियाँ अपनी-अपनी Industry की दिग्गज कम्पनियाँ होती है , जो की 13 अलग-अलग sector से चुनी जाती हैं |
SENSEX History
Sensex एक Stock market Index है , जिसकी शुरुआत दीपक मोहिनी द्वारा 1 जनवरी 1986 में की गयी थी | 1978-1979 को Sensex का आधार वर्ष माना जाता है , उस समय Sensex की value 100 तय की गयी थी | जिसे इसकी Base value भी कहा जाता है |
SENSEX Base year
Sensex का Base year 1978-1979 को तय किया गया है |
SENSEX Base value
Sensex की स्थापना सन 1986 में की गयी थी , उस समय इसकी Base value 100 तय की गयी थी |
SENSEX की जरुरत क्यों पड़ी ?
कोई भी Economy जब Grow करती है , तब विदेशी निवेश बढ़ता हैं | जिससे उस Country की Currency मजबूत होती है | भारतीय शेयर बाजार देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभातें हैं | ये देश की अर्थव्यवस्था का अनुमानित प्रदर्शन करतें हैं , जो की विदेशी निवेश बढ़ाने में काफी साहयक होता है |
इसके आलावा वर्तमान समय में Bombay Stock Exchange पर 5000 से ज्यादा कम्पनियाँ listed है | ऐसे में बाजार में उतार-चढाव को पता करने के लिए एक-एक करके कंपनी के share price में आयें बदलाव को जानना , और इस बात का पता लगाना की शेयर बाजार में मंदी का दौर है या तेजी का | ये काफी मुश्किल और Time-consuming process है |
इस परेशानी का हल निकालने के लिए Bombay Stock Exchange पर listed 5000 कंपनियों में से Top 30 कंपनियों को चुनके , एक Benchmark Index यानि Sensex बनाया गया है | जिससे बाजार में होने वाले उतार-चढाव का आसानी से पता लगाया जा सके |
SENSEX कैसे बनता हैं ?
जैसा की हम जानते हैं , की Bombay stock exchange पर 5000 से ज्यादा कम्पनियाँ listed हैं , जिनमे से Top 30 कंपनियों को चुनके Sensex तैयार किया जाता हैं | अब दिमाग में पहला सवाल यह आता है , की यह कम्पनियाँ किस आधार पर चुनी जाती है , तो इसका जवाब बहुत ही सरल है | दरअसल ये 30 कम्पनियाँ अपने-अपने sector जैसे ( Auto sector , Pharma sector , FMCG sector इत्यादि ) की दिग्गज कम्पनियाँ होती है |
जिनका बाजार पूंजीकरण यानि ( market capitalization ) अपनी Industry में मौजूद बाकी अन्य कई कंपनियों की तुलना में सबसे ज्यादा होता है| मुख्य रूप से ये अपनी Industry में market leader होती है | इनकी वित्तीय स्थिति बेहतर होती है तथा इनकी बाजार में अच्छी पकड़ होती हैं , इन्हे Blue chip कम्पनियाँ भी कहा जाता हैं |
इसके आलावा यह भी देखा जाता है , की उस कंपनी का Free float market capitalization कितना है | Free float market capitalization वो होता है , जब किसी कंपनी के जितने शेयर्स market में publicly trade के लिए उपलब्ध रहतें हैं | मुख्य रूप से इसमें से Promoters की Shareholding निकाल दी जाती है |
इसके आलावा कंपनी के शेयर्स में कितनी Liquidity है , यानि एक साल के भीतर उस कंपनी के शेयर्स को कितनी बार खरीदा और बेचा जा रहा हैं , जितनी ज्यादा खरीद-फरोख्त होती है किसी कंपनी के शेयर्स में , उतने ही ज्यादा आसार होतें है , उसके Sensex में शामिल होने के |
SENSEX कैसे calculate किया जाता हैं ?
दरअसल Sensex का calculation बेहद सरल है | Sensex का calculation किया जाता है ” Free Float Market Capitalization “ के आधार पर | free float market capitalization को समझने से पहले हम समझतें है , की Market Capitalization क्या होता है ?
किसी कंपनी का Market capitalization वो होता है , जब किसी कंपनी द्वारा जारी किये गये कुल शेयरों की संख्या को मौजूदा चल रहें शेयर की कीमत से multiply कर दिया जाता है , तो इस प्रकार हमे उस कंपनी का market capitalization मिल जाता है |
उद्हारण के तौर पर ,
Market cap. = No. of shares outstanding × share price
1000 × 100 = 1,00,000 ( market cap. )
Free Float Market Capitalization वो होता हैं , की कंपनी के कितने no. of shares बाजार में publicly tradable हैं , यानि उन्हें खरीदा और बेचा जा सकता हैं |
Free float market capitalization निकालने के लिए market capitalization में से Promoters के शेयर्स घटा दिए जातें हैं , क्योंकि promoters के शेयर्स रोज़ाना खरीदें और बेचें नहीं जातें | इस प्रकार हमे free float market capitalization मिल जाता है |
अब एक-एक करके Sensex में मौजूद उन सभी कंपनियों का free float market capitalization निकला जाता है , और बारी-बारी से उन्हें आपस में जोड़ दिया जाता हैं , इस प्रकार हमे Sum of Free Float Market Capitalization मिल जाता हैं |
इसके बाद sum of free float market capitalization को Sensex की Base Market Capitalization value से divide करके , Sensex की Base value से multiply किया जाता है , इस प्रकार हमे Sensex की value मिल जाती है |
आपकी जानकारी के लिए बता दें , की Sensex की Base market capitalization value 2501.24 करोड़ तय की गयी हैं , और इसकी Base value 100 तय की गयी है |
SENSEX कैसे गिरता और बढ़ता है ?
भारतीय शेयर बाजार में Sensex पहले observe करता हैं , और बाद में react . जैसा की हम जानते हैं Sensex में उन्ही कंपनियों को शामिल किया जाता है , जो Market capitalization के हिसाब से अपनी Industry में leader होती हैं | अगर किसी कारण इन कंपनियों के शेयर्स में गिरावट आती हैं , तो Sensex का गिरना तय हैं |
ठीक उसी तरह , अगर इन्ही कंपनियों के शेयर्स में बढ़ोतरी होती है , तो Sensex बढ़ता है | Sensex गिरने और बढ़ने के कई कारण हो सकतें हैं , जो की इस प्रकार है –
कंपनी का performance –
अगर कोई कंपनी अच्छा perform कर रही है , तो इससे कंपनी के शेयरों में खरीददारी बढ़ जाएगी | जिससे शेयरों के दाम में तेजी आएगी , जिसका सीधा असर Index पर पड़ेगा , बजाय इसके अगर कंपनी ख़राब perform कर रही है , तो शेयरों के दाम में गिरावट आएगी |
यह कंपनी के Management पर निर्भर पर करता है , की वो Business को कितने अच्छे से चला रहें हैं |
Demand और Supply –
Demand और Supply का सिद्धांत बेहद सरल है | मान लीजिये आज उन कंपनियों के शेयरों में ज्यादा खरीददारी हो हो रही है , जो Sensex में शामिल हैं , तो ऐसे में आज Sensex बढ़ जाएगा | बजाय इसके अगर उन्ही कंपनियों के शेयरों को बेचा जा रहा हैं , तो Sensex गिरना शुरू हो जाएगा |
मौद्रिक कारण –
मौद्रिक नीतियों का Sensex पर एक गहरा प्रभाव पड़ता हैं | मौद्रिक निति , राजकोषीय निति या औधोगिक निति , अगर सरकार इन नीतियों में किसी तरह का कोई बदलाव करती हैं , तो ऐसे में Sensex गिर भी सकता हैं और बढ़ भी सकता हैं | निर्भर करता हैं , सरकार द्वारा लायी गयी नीतियां किसके पक्ष में काम कर रही हैं |
मानसून में आये बदलाव –
भारत एक कृषि प्रधान देश हैं | जब ज्यादा बारिश होती हैं , तब बाजार को लगता हैं ज्यादा उत्पादन होगा , जिससे बाजार में तेजी आएगी | जिससे भारतीय शेयर बाजार के सूचकांक अपना रुख ऊपर की और करके रखतें हैं |
विदेशी घटनाक्रम –
वर्तमान में विश्व के सभी देश और उनकी अर्थव्यवस्थाएं आपस में Inter-connected है | किसी भी देश में होने वाले Crisis का बाकी देशों की अर्थव्यवस्थाओं पर एक गहरा प्रभाव पड़ता हैं , जिसका असर भारतीय शेयर बाजार के सूचकांक पर साफ़ नज़र आता हैं |
चुनाव –
इसके आलावा चुनावी नतीजों से भी सूचकांक काफी प्रभावित होता है , मान लीजिये कोई Stable Government आती है , जिससे बाजार को उम्मीद हैं , उसके द्वारा लायी गयी Policies से व्यापर को बढ़ावा मिलेगा , तो इस वजह से Index में भी तेजी बनी रहने की पूरी संभावना बनी रहती हैं |
SENSEX के फायदे –
भारतीय शेयर बाजार में Sensex एक Barometer की तरह काम करता है | आसान भाषा में कहें तो , तो यह शेयर बाजार में होने वाली उठा-पठक को प्रदर्शित करता हैं | Sensex के कई फायदे हैं , ये न सिर्फ Economy का हाल बताता हैं , बल्कि इससे बाजार के प्रतिभागियों और आम जनता को भी फायदा पहुँचता हैं , आइये जानते है कैसे –
1. Sensex “Bombay stock exchange” का एक महत्वपुर्ण सूचकांक हैं , जो की हमे शेयर बाजार में चल रही तेजी और मंदी के दौर के बारे में बताता हैं , अगर शेयर बाजार में तेजी का दौर है , तो इससे विदेशी निवेश को बढ़ावा मिलता है , जिससे महंगाई कम होती है , और भारतीय रुपया मजबूत होता है | इससे आम जनता को भी फायदा पहुँचता हैं |
2. जो लोग शेयर बाजार में सीधे तौर पर निवेश नहीं करना चाहते , उनके लिए कई AMC ( Asset management company ) द्वारा कई Index fund बनाये गए हैं | जिनमे निवेश करके indirectly शेयर बाजार में निवेश किया जा सकता हैं , अगर Index बढ़ता हैं , तो ये funds भी बढ़ते है , जिससे अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता हैं |
ऐसा नहीं है , की Sensex सिर्फ बढ़ता है , बल्कि मंदी के कारण ये गिरता भी हैं , और यह मंदी बाजार में कब तक रहेगी इसकी कोई तय तारीख नहीं होती | इसलिए पूरी तरह सोच-समझ और पूरी जानकारी लेने के बाद ही निवेश करें |
SENSEX में सूचीबद्ध कंपनियों की सूचि –
S no. | Company | Industry |
---|---|---|
1. | Asian paints | Consumer Goods |
2. | Axis Bank | Financial Services |
3. | Bajaj Auto | Auto Sector |
4. | Bajaj Finserv | Financial Services |
5. | Bajaj Finance | Financial Services |
6. | Bharti Airtel | Telecom |
7. | Dr. Reddy Lab | Pharma Sector |
8. | HCL Tech | Information Technology |
9. | HDFC Bank | Financial Services |
10. | HDFC | Financial Services |
11. | Hindustan Unilever | Consumer Goods |
12. | ICICI Bank | Financial Services |
13. | IndusInd Bank | Financial Services |
14. | Infosys | Information Technology |
15. | ITC | Consumer Goods |
16. | Kotak Mahindra Bank | Financial Services |
17. | L&T | Construction |
18. | M&M | Auto Sector |
19. | Maruti Suzuki | Auto Sector |
20. | Nestle India | Consumer Goods |
21. | NTPC | Power |
22. | Power grid | Power |
23. | Reliance Industries | Oil & Gas |
24. | SBI Bank | Financial Services |
25. | Sun Pharma | Pharma |
26. | Tata Steel | Metal |
27. | TCS | Information Technology |
28. | Titan | Consumer Goods |
29. | Tech Mahindra | Information Technology |
30. | Ultra Tech Cement | Cement & Cement products |
उम्मीद करतें है , इस पोस्ट के माध्यम से दी गयी जानकारी जैसे ( Sensex क्या है , Sensex history in hindi , Sensex कैसे calculate किया जाता हैं , Sensex के फायदे इत्यादि ) आपके लिए उपयोगी साबित होगी |
अगर आपके पास इस पोस्ट से जुड़े अभी भी कोई सवाल है , तो उसे आप हमसे निचे दिए गए comment section में पूछ सकतें हैं |
यह भी पढ़ें :-